Friday, April 26, 2024
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श्रीनगर में धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है जनजीवन, अधिक समय तक खुल रहे बाजार

कश्मीर में जनजीवन के पटरी पर लौटने के संकेत मिल रहे हैं। सार्वजनिक यातायात के ज्यादातर वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं जबकि कुछ स्थानों पर बाजार और अधिक समय तक खुल रहे हैं। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: November 14, 2019 13:45 IST
श्रीनगर में धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है जनजीवन, अधिक समय तक खुल रहे बाजार- India TV Hindi
श्रीनगर में धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है जनजीवन, अधिक समय तक खुल रहे बाजार

श्रीनगर: कश्मीर में जनजीवन के पटरी पर लौटने के संकेत मिल रहे हैं। सार्वजनिक यातायात के ज्यादातर वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं जबकि कुछ स्थानों पर बाजार और अधिक समय तक खुल रहे हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि श्रीनगर में अंतर-जिला संपर्क बहाल हो गया है और शहर के कई इलाकों में कैब सड़कों पर दौड़ रही हैं। इसके साथ ही घाटी में सार्वजनिक यातायात के ज्यादातर वाहन सड़कों पर चलने लगे हैं खासतौर से श्रीनगर में। ऑटो रिक्शा और कुछ मिनी बसें भी सड़कों पर पहले से ही चल रही हैं। निजी गाड़ियां यहां और घाटी के अन्य हिस्सों में सड़कों पर निर्बाध चल रही हैं। कई इलाकों में यातायात जाम भी देखा गया। 

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अधिकारियों ने बताया कि लाल चौक समेत कुछ इलाकों में दुकानें दिन में और अधिक समय तक खुलने लगी हैं। हालांकि, शहर के पुराने इलाकों में सुबह कुछ ही घंटों के लिए दुकानें खुल रही हैं। घाटी में दुकानें सुबह-सुबह खुल रही थीं। राज्य का विशेष दर्जा हटाए जाने के विरोध में प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए दुकानदार दोपहर को इन्हें बंद कर देते थे। 

अधिकारियों ने बताया कि बदमाश और आतंकवादी दुकानदारों तथा व्यापारियों को धमकाकर डर का माहौल पैदा कर रहे हैं ताकि अघोषित बंद का किसी तरह का विरोध न हो सके। उन्होंने बताया कि शहर के व्यस्त गोनी खान बाजार और काका सराय इलाकों में हाल ही में ग्रेनेड हमलों और दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के त्राल इलाके में बुधवार को एक दुकानदार की हत्या इस बात का इशारा है कि बंद को जारी रखने के लिए समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। 

राज्य सरकार की स्कूलों को खोलने की कोशिश रंग नहीं लायी क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर आशंकाओं के चलते उन्हें स्कूल नहीं भेज रहे हैं। हालांकि, 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय पर होंगी। कश्मीर में बृहस्पतिवार को 100 दिन बाद भी सभी प्लेटफॉर्म पर इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। 

घाटी में लैंडलाइन और पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल की जा चुकी हैं लेकिन सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त के बाद से निलंबित ही हैं। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को हटा लिए थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का ऐलान किया था। जम्मू कश्मीर 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील हो गया। 

शीर्ष स्तर के ज्यादातर अलगाववादी नेताओं को एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया गया है जबकि दो पूर्व मुख्यमंत्रियों -उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्यधारा के नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया है या नजरबंद कर रखा गया है। 

अन्य पूर्व मुख्यमंत्री एवं श्रीनगर से लोकसभा के मौजूदा सांसद फारुक अब्दुल्ला को विवादित लोक सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह कानून फारुक के पिता एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला ने 1978 में लागू किया था जब वह मुख्यमंत्री थे।

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