Friday, November 07, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. बस में खेलने की वजह से बच गई भाई-बहन की जान, हैरान कर देगी बिलासपुर के दर्दनाक हादसे की ये कहानी

बस में खेलने की वजह से बच गई भाई-बहन की जान, हैरान कर देगी बिलासपुर के दर्दनाक हादसे की ये कहानी

हिमाचल के बिलासपुर में हुए भूस्खलन हादसे में बस के पिछले हिस्से में खेलने चले गए 2 मासूम भाई-बहन आरुषि और शौर्य की जान बच गई, जबकि उनके 4 परिजन मारे गए। 8 साल के शौर्य ने परिजनों की चिता को मुखाग्नि दी।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Oct 10, 2025 03:57 pm IST, Updated : Oct 10, 2025 04:00 pm IST
Bilaspur bus accident, Bilaspur landslide bus accident, Himachal bus tragedy- India TV Hindi
Image Source : PTI बिलासपुर में मंगलवार शाम को एक दर्दनाक बस हादसे में 18 मौतें हुई थीं।

बिलासपुर/शिमला: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में मंगलवार शाम को हुए एक दर्दनाक हादसे में 2 मासूम भाई-बहन की जान उस वक्त बच गई, जब वे खेलने के लिए बस की आखिरी सीट पर चले गए। यह हादसा बिलासपुर के बरठीं के पास बालूघाट (भल्लू पुल) इलाके में हुआ, जहां भूस्खलन ने मरोतन-घुमारवीं रूट पर चल रही एक बस को अपनी चपेट में ले लिया। इस भयानक हादसे में बस का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया और 18 यात्रियों की जान चली गई, लेकिन 10 साल की आरुषि और 8 साल के शौर्य की जान चमत्कारिक ढंग से बच गई।

खेलने की वजह से बची भाई-बहन की जान

आरुषि और शौर्य अपने परिवार के साथ बस में सफर कर रहे थे। हादसे से कुछ मिनट पहले दोनों भाई-बहन खिड़की से बाहर देखते-देखते बोर हो गए। रात का अंधेरा होने की वजह से बाहर कुछ दिख नहीं रहा था। ऐसे में दोनों ने खेलने का फैसला किया और बस की आखिरी सीट पर चले गए। इसी फैसले की वजह से उनकी जिंदगी बच गई। जब भूस्खलन हुआ, तो बस का अगला हिस्सा मलबे में दब गया, लेकिन आखिरी सीटों पर बैठे आरुषि और शौर्य को मामूली चोटें आईं और उन्हें बचा लिया गया।

4 परिजनों की हादसे में दर्दनाक मौत

हादसे में हालांकि आरुषि और शौर्य के परिजन उनके जैसे भाग्यशाली नहीं रहे। बस में आरुषि और शौर्य के अलावा उनकी मां कमलेश, मौसी अंजना और 2 मौसेरे भाई नक्ष और आरव भी सफर कर रहे थे। हादसे में इन चारों की जान चली गई। अंजना के पति विपिन उस वक्त घर पहुंच चुके थे, लेकिन उनकी पत्नी और दोनों बच्चों की मौत की खबर ने उन्हें तोड़ दिया। वहीं, आरुषि और शौर्य के पिता राजकुमार ने अपनी पत्नी को खो दिया, लेकिन उनके दोनों बच्चे इस हादसे से जिंदा बच निकले।

Bilaspur bus accident, Bilaspur landslide bus accident, Himachal bus tragedy

Image Source : PTI
हादसे के बाद बस के हिस्से चारों तरफ बिखरे पड़े थे।

शौर्य ने परिजनों की चिता को दी मुखाग्नि

हादसे के अगले दिन बुधवार को 8 साल के शौर्य ने अपने चार परिजनों की चिता को मुखाग्नि दी। यह नजारा देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। हादसे पर बोलते हुए एक चश्मदीद ने कहा, 'हमने देखा कि बस मलबे में दब गई थी। यह यकीन करना मुश्किल था कि उसमें से दो बच्चे जिंदा निकल आए।' बचाव दल ने आरुषि और शौर्य को बस के पिछले हिस्से से निकाला, जहां वे मलबे में दबे हुए थे। आरुषि के पैर में मामूली चोट आई, जबकि शौर्य पूरी तरह सुरक्षित था। दोनों को तुरंत एम्स बिलासपुर ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें बुधवार सुबह घर भेज दिया गया।

कार से आ गई होतीं तो बच जातीं अंजना

परिजनों ने बताया कि अंजना अपने मायके में किसी समारोह में शामिल होने के लिए गई थीं। उनके माता-पिता ने उन्हें कार से छोड़ने की बात कही थी, लेकिन अंजना ने बस से लौटने का फैसला किया। यह फैसला परिवार के लिए भारी पड़ गया। परिजनों का कहना है कि वे अभी भी इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

Latest India News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement