Friday, June 13, 2025
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क्या सुप्रीम कोर्ट बिल की डेडलाइन तय कर सकता है? राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने SC से पूछे ये 14 सवाल

बीते दिनों 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासक फैसला सुनाते हुए राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर फैसला लेने के लिए समय सीमा तय करने को कहा था। हालांकि इस मामले में अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल किए हैं।

Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : May 15, 2025 12:08 IST, Updated : May 15, 2025 12:12 IST
Can the Supreme Court set a deadline for the bill President Droupadi Murmu asked these 14 questions
Image Source : FILE PHOTO राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने SC से पूछे ये 14 सवाल

राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय-सीमा तय करने के फैसले पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सवाल खड़े किए हैं। दरअसल 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह फैसला सुनाया या था। इस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रियाओं का दौर लंबे समय तक जारी रहा है। सत्ताधारी दल हो या विपक्ष दोनों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस फैसले को संवैधानिक मूल्यों और व्यवस्थाओं के विपरीत होने के साथ-साथ संवैधानिक सीमाओं का भी अतिक्रमण बताया है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सुप्रीम कोर्ट से 14 संवैधानिक प्रश्नों पर उनकी राय मांगी है। 

द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछे ये 14 सवाल

  1. अनुच्छेद 200 के अंतर्गत विधेयक प्रस्तुत किए जाने पर राज्यपाल के पास क्या संवैधानिक विकल्प उपलब्ध हैं?
  2. क्या राज्यपाल इन विकल्पों का प्रयोग करने में मंत्रिपरिषद की सलाह से बाध्य हैं?
  3. क्या अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राज्यपाल के विवेक का प्रयोग न्यायिक समीक्षा के अधीन है?
  4. क्या अनुच्छेद 361, अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के कार्यों की न्यायिक जांच पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है?
  5. क्या न्यायालय संवैधानिक समयसीमा के अभाव के बावजूद अनुच्छेद 200 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते समय राज्यपालों के लिए समयसीमा निर्धारित कर सकते हैं और प्रक्रियाएं निर्धारित कर सकते हैं?
  6. क्या अनुच्छेद 201 के अंतर्गत राष्ट्रपति का विवेक न्यायिक समीक्षा के अधीन है?
  7. क्या न्यायालय अनुच्छेद 201 के अंतर्गत राष्ट्रपति के विवेकाधिकार के प्रयोग के लिए समयसीमा और प्रक्रियागत आवश्यकताएं निर्धारित कर सकते हैं?
  8. क्या राज्यपाल द्वारा आरक्षित विधेयकों पर निर्णय लेते समय राष्ट्रपति को अनुच्छेद 143 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की राय लेनी चाहिए?
  9. क्या अनुच्छेद 200 और 201 के तहत राज्यपाल और राष्ट्रपति द्वारा लिए गए निर्णय, किसी कानून के आधिकारिक रूप से लागू होने से पहले न्यायोचित हैं?
  10. क्या न्यायपालिका अनुच्छेद 142 के माध्यम से राष्ट्रपति या राज्यपाल द्वारा प्रयोग की जाने वाली संवैधानिक शक्तियों को संशोधित या रद्द कर सकती है?
  11. क्या अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राज्यपाल की स्वीकृति के बिना कोई राज्य कानून लागू हो जाता है?
  12. क्या सर्वोच्च न्यायालय की किसी पीठ को पहले यह निर्धारित करना होगा कि क्या किसी मामले में पर्याप्त संवैधानिक व्याख्या शामिल है और फिर उसे अनुच्छेद 145(3) के तहत पांच न्यायाधीशों की पीठ को भेजना होगा?
  13. क्या अनुच्छेद 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां प्रक्रियात्मक मामलों से आगे बढ़कर ऐसे निर्देश जारी करने तक विस्तारित हैं जो मौजूदा संवैधानिक या वैधानिक प्रावधानों का खंडन करते हैं?
  14. क्या संविधान सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 131 के अंतर्गत मुकदमे के अलावा किसी अन्य माध्यम से संघ और राज्य सरकारों के बीच विवादों को सुलझाने की अनुमति देता है?

(इनपुट-एएनआई)

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