दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 पुल बंगश सिख हत्याकांड मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। जगदीश टाइटलर के खिलाफ 302 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 143, 153ए, 188, 149 आदि के तहत आरोप तय किए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये मामला साल 1984 में गुरुद्वारा पुल बंगश के पास तीन सिखों की हत्या और साथ ही धार्मिक स्थल में आगजनी से जुड़ा हुआ है। ये घटना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई थी। सीबीआई ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्शीट दायर की थी।
पीड़ितों ने जगदीश टाइटलर को देखा था- वकील
कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए वकील एचएस फुल्का ने कहा कि पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने जगदीश टाइटलर को भीड़ को लीड करते देखा था। टाइटर के कहने पर ही गुरुद्वारे में आग लगाई गई थी और 3 सिखों को जिंदा जला दिया गया। वकील ने कहा कि शुरू में राजनीतिक दबाव और धनबल के कारण कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। 2005 में नानावती आयोग की रिपोर्ट के बाद टाइटलर पर मामला दर्ज हुआ। सीबीआई ने जल्दबाजी की और 2007 में बिना उचित जांच के क्लोज रिपोर्ट दाखिल की। वकील एचएस फुल्का ने कहा कि हमारी दलील सुनने के बाद आज कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अब उनके खिलाफ चलेगा, हमें उम्मीद है कि वह जल्द ही जेल जाएंगे।
कोर्ट के आदेश पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा है कि सिख समुदाय द्वारा 40 साल लड़ाई लड़ी गई। हमारा एक ही लक्ष्य था, इन हत्यारों को जेल भेजना। कालका ने कहा कि हमें आज बड़ी राहत मिली है। हमें उम्मीद है कि जगदीश टाइटलर जल्द ही जेल जाएंगे।
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