Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. इलेक्टोरल बॉन्ड में दर्ज यूनिक अल्फ़ा-न्यूमेरिक नंबर्स का सीक्रेट क्या है? आपको भी जान लेना चाहिए

इलेक्टोरल बॉन्ड में दर्ज यूनिक अल्फ़ा-न्यूमेरिक नंबर्स का सीक्रेट क्या है? आपको भी जान लेना चाहिए

चुनावी चंदे का मामला गरमाया हुआ है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कहा कि वह यूनीक बॉन्ड नंबर्स के इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी 21 मार्च तक कोर्ट को सौंप दे।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Mar 18, 2024 21:36 IST, Updated : Mar 18, 2024 21:36 IST
electoral bond unique number- India TV Hindi
इलेक्टोरल बॉन्ड का यूनिक नंबर क्या है

इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी चंदे के मुद्दा गरमाया हुआ है। इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनीक नंबर्स नहीं जारी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस देकर 18 मार्च तक जवाब मांगा था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी बैंक से मिली जानकारी तुरंत अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 18 मार्च को एक बार फिर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को यह कहते हुए फटकार लगाई कि वह इस मामले में सेलेक्टिव रवैया नहीं अपना सकते और उसे अपने पास मौजूद सभी चुनावी बांड के विवरणों का खुलासा करना होगा, जिसमें अल्फा-न्यूमेरिक विशिष्ट नंबर भी शामिल हैं जो खरीदने वाले और प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल के बीच के लिंक का खुलासा करेंगे। 

कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से यह भी कहा कि वह यूनीक बॉन्ड नंबर्स के इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी 21 मार्च तक कोर्ट को सौंप दे। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कोर्ट के वकील मैथ्यू नेदुम्पारा पर भड़क गए। सीजेआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर सुनवाई के दौरान नेदुम्पारा से कहा, "आप मुझपर चिल्लाइए मत, अगर आपको याचिका दाखिल करनी है, तो एप्लिकेशन दीजिए. हम यहां आपकी सुनवाई के लिए नहीं बैठे हैं।"

क्या हैं ये यूनिक अल्फ़ा-न्यूमेरिक नंबर्स?

अल्फान्यूमेरिक कोड ठीक उसी तरह होता है जैसे आप पासवर्ड या कुछ आईडी वगैरह बनाते हैं तो उसमें कुछ अल्फाबेट (a,b,C,d जैसे), कुछ नंबर (1,2,3,4) या/और @, $, # जैसे स्पेशल कैरेक्टर को मिलाकर कोड बनाते हैं। उसी तरह जब पार्टियों को चंदा देने के लिए कोई बॉन्ड खरीदता है तो एसबीआई की तरफ से जो बॉन्ड दिया जाता है उसमें भी इसी तरह का एक कोड होता है।

 यूनिक बॉन्ड नंबर हर बॉन्ड पर दर्ज वह नंबर होता है, जिसे नंगी आखों से देखना नामुमकिन है। इसे सिर्फ अल्ट्रावॉयलेट किरणों (UV Rays) में देखा जा सकता है।

प्रत्येक इलेक्टोरल बांड को एक अलग अल्फ़ान्यूमेरिक कोड सौंपा गया है, जो एसबीआई द्वारा जारी किए जाने पर, संबंधित प्राप्तकर्ता पक्षों के साथ दाताओं के सहसंबंध की सुविधा प्रदान करेगा।

वर्तमान में, एसबीआई ने चुनाव आयोग को दो साइलो में डेटा दिया है - दानकर्ता जिन्होंने बांड खरीदे और प्राप्तकर्ता जिन्होंने उन्हें भुनाया - और सारे लिंक गायब है, रिपोर्ट में ये दावा किया गया है।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चुनावी बांड खरीदने वाले और प्रत्येक बांड को भुनाने वाले के बीच एक-पर-एक पत्राचार केवल तभी स्थापित किया जा सकता है, जब प्रत्येक ईबी का अद्वितीय अल्फा-न्यूमेरिक नंबर, जो केवल पराबैंगनी प्रकाश के तहत दिखाई देता है, उपलब्ध हो जाता है।

पीठ ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई को सभी विवरणों का खुलासा करना आवश्यक था। हम स्पष्ट करते हैं कि इसमें भुनाए गए बांड का अल्फा-न्यूमेरिक नंबर और सीरियल नंबर, यदि कोई हो, शामिल होगा।'' 

एसबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने शीर्ष अदालत से कहा कि अगर चुनावी बांड की संख्या बतानी होगी तो हम देंगे।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement