Wednesday, June 25, 2025
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CQB कार्बाइन से लेकर नागास्त्र-1R तक, भारतीय सेना खरीद रही ऐसे-ऐसे आधुनिक हथियार, देखते रह जाएंगे दुश्मन

भारतीय सेना को स्वदेशी हथियार खूब भा रहे हैं। सेना अपने हथियारों को और ज्यादा अपडेट कर रही है। सेना अब ऐसे-ऐसे हथियार खरीदने जा रही है, जिनकी खासियतें इसे आधुनिक युद्ध के लिए एक ‘गेम-चेंजर’ बनाती है।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Khushbu Rawal Published : Jun 24, 2025 14:41 IST, Updated : Jun 24, 2025 14:41 IST
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Image Source : FILE PHOTO भारतीय सेना खरीद रही स्वदेशी हथियार।

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सीमा को सशक्त करने के लिए करीब 2 हजार करोड़ की रक्षा खरीद को मंजूरी दी है। इसका मकसद है- जम्मू कश्मीर में सेना को मजबूत करना और साथ में आने वाले खतरे से निपटने की तैयारी करना। बता दें कि ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब भारत सरकार ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में सेना ऑपरेशनल तैयारी को शीर्ष प्राथमिकता दी है।

इस रक्षा खरीद के तहत कुल मिलाकर 1981 करोड़ रुपये के 13 कॉन्ट्रैक्ट किए हैं। जिसमें सेना के लिए आधुनिक हथियार खरीदे जाएंगे।

ये सारे हथियार शामिल हैं-

1. इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (IDDIS)

2. लो लेवल लाइट वेट रडार (LLLR)
3. बहुत कम रेंज वाला एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) जैसे- लॉन्चर्स और मिसाइल
4. रिमोटली पायलेटेड एरियल व्हीकल (RPAVs)
5. लोइटरिंग म्यूनिशन, जिसमें वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (VTOL) सिस्टम शामिल हैं
6. कई तरह के ड्रोन्स
7. बुलेट प्रुफ जैकेट (BPJs)
8. बैलिस्टिक हेलमेट
9. भारी और मध्यम रेंज के क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (QRFVs)
10. राइफलों के लिए नाइट विजन

जल्द ही भारतीय सैनिकों के हाथों में नजर आएगी CQB कार्बाइन

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के ARDE लैब के डायरेक्टर ए राजू ने इंडिया टीवी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि कैसे हथियारों के जरिए सेना को आत्मनिर्भरता के साथ सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने हथियार से लेकर बिल तक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय सेना को लगभग 4,25,000 से ज्यादा सीक्यूबी कार्बाइन मिलेगी। इसे DRDO और भारत फोर्ज लिमिडेट तैयार करेगा।

उन्होंने बताया कि 5.56x45 मिमी सीक्यूबी कार्बाइन को DRDO के आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) ने डिजाइन और विकसित किया है। साथ ही भारत फोर्ज लिमिटेड ने बनाया है। डीआरडीओ और भारत फोर्ज लिमिटेड को सेना की प्रमुख खरीद निविदा में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी (L1) के तौर पर चुना गया है। 

DRDO के ARDE लैब के डायरेक्टर ए राजू से इस पूरे हथियार से लेकर बिल तक के बारे में समझिए-

CQB कार्बाइन की ताकत-

  • CQB कार्बाइन की विशेषता है कि यह हल्की, नजदीकी मुठभेड़ों में सटीक जवाब देने में सक्षम है।
  • हल्का और तेज होने की वजह से सैनिक इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे सेना को गोलियां लाने-ले जाने में आसानी होगी।
  • इसके डिजाइन में ऑप्टिक्स, लेजर डिजाइनर और सहायक उपकरण लगाए गए हैं। 
  • यह नई कार्बाइन दशकों पुरानी 9mm स्टर्लिंग कार्बाइन की जगह लेंगी।
  • इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये बहुत सटीक निशाना लगाती है।
  • ये दो तरीके से चलती है- एक बार में एक गोली या फिर लगातार गोलियां भी फायर कर सकती है।
  • जब गोली चलती है, तो हथियार ज्यादा हिलता नहीं, जिससे निशाना बिल्कुल सही रहता है।
  • ये 100-150 मीटर तक सटीक निशाना लगा सकता है, जो शहरों या जंगलों में होने वाली लड़ाई के लिए काफी है।

राहुल दीक्षित ने किया नागास्त्र-1R की खूबियों का खुलासा

वहीं, आपको बता दें कि दुश्मन को हर मोर्चे पर कड़ा जवाब देने के लिए सेना ने नागास्त्र-1R (NAGASTRA-1R) नाम के ड्रोन को खरीदने का ऑर्डर दिया है। भारतीय सेना द्वारा कुल 450 खरीदे जा रहे हैं। सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड को भारत सरकार से यह बड़ा ऑर्डर मिला है। कंपनी ने 22 जून 2025 को रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ रक्षा उत्पाद की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड में रिसर्च एंड डेवलपमेंट हेड राहुल दीक्षित ने बताया कि आने वाला समय रणनीतिक तौर पर अलग-अलग आधुनिक वॉर फेयर का है इसलिए सेना को और सशक्त किया जा रहा है। करीबन 120 की संख्या में स्विच ड्रोन खरीदे जा रहे हैं जो कि 137 करोड़ की लागत से तैयार होंगे।

इस बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए राहुल दीक्षित ने बताया, कल ही हमें इंडियन आर्मी से स्वदेशी ‘लॉइटरिंग म्यूनिशन’ (घूमकर हमला करने वाला हथियार) नागास्त्र-1आर का एक ऑर्डर मिला है। इसके तहत हमको 450 लोइटरिंग म्यूनिशन बनाकर देने हैं। उन्होंने बताया कि  लॉइटरिंग म्यूनिशन नागास्त्र 1 की रेंज में सॉलर डिफेंस ने काफी काम किया हुआ है और इसके काफी अच्छे परिणाम निकले हैं। सभी जगहों पर इसकी अच्छी तरीके से टेस्टिंग करके अच्छे स्पेसिफिकेशंस के साथ एक खेप पहले ही इंडियन आर्मी को दी गई है। इसकी रेंज करीब 5 किमी तक है और ये 1 किलो पेलोड ले जा सकता है।

नागास्त्र-1R की 7 खास बातें-

दीक्षित ने बताया कि इसका कुल वजन करीब 10 किलो है। इसको अगर टारगेट नहीं मिलता है तो यह वापस आकर पैराशूट लैंडिंग करने में भी सक्षम है। दुश्मन के इलाके में पहुंचने के बाद यह लक्ष्य के ऊपर हवा में मंडराता है और मौका मिलते ही सटीक निशाना लगाकर दुश्मन को खत्म कर सकता है। अगर हमला रद्द करना हो तो इसे वापस बुलाया जा सकता है यानी यह दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

रात में भी दुश्मन पर नजर रखने में सक्षम

इसमें जो कैमरा लगे है वो 360 डिग्री तक सर्विलांस करने में सक्षम है। नागास्त्र-1 में 360 डिग्री जिम्बल कैमरा लगा है, जिससे यह हर दिशा में नजर रख सकता है। रात को या कम रोशनी में भी दुश्मन पर नजर रखी जा सकती है। यह विदेशी हथियारों की तुलना में सस्ता और ज्यादा भरोसेमंद है, जो गेम चेंजर साबित हो सकता है।  

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