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मानसून से मरने वालों की संख्या इस राज्य में हुई 312, बारिश और सड़क दुर्घटनाओं में भी गई कई लोगों की जान

इस बार मानसून का कहर कई राज्यों में देखा गया है। भारी बारिश से कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। सड़कें पूरी तरह बाधित हो गईं। करोड़ों रुपये के जानमाल का नुकसान पहुंचा है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Aug 29, 2025 08:03 am IST, Updated : Aug 29, 2025 08:10 am IST
हिमाचल में भूस्खलन- India TV Hindi
Image Source : PTI हिमाचल में भूस्खलन

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से 312 मौतें हुई हैं, जिनमें से 160 मौतें बारिश से संबंधित आपदाओं जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने, डूबने, बिजली का झटका और अन्य मौसम संबंधी घटनाओं से जुड़ी हैं। सड़क दुर्घटनाओं में 152 लोगों की मौतें हुई हैं। 

करोड़ों रुपयों का हुआ नुकसान

राज्य की अर्थव्यवस्था को कुल मिलाकर 2,75,354.81 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे, निजी संपत्ति, कृषि, बागवानी और पशुधन को नुकसान शामिल है। इस आपदा में 1,854 पशुओं और 25,700 से ज़्यादा पोल्ट्री पक्षियों की भी जान चली गई है। 

सबसे ज्यादा मौतें कांगड़ा में हुईं

एसडीएमए की रिपोर्ट बताती है कि बारिश से संबंधित मौतें व्यापक रूप से हुई हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें कांगड़ा (30) में दर्ज की गईं, उसके बाद मंडी (29), चंबा (14), किन्नौर (14) और कुल्लू (13) का स्थान है। सड़क दुर्घटनाओं में भी मौतें काफी हुई हैं। चंबा और मंडी में 22-22 मौतें हुईं, इसके बाद कांगड़ा (19) और शिमला (15) का स्थान है। 

PWD ने बताया कितना हुआ नुकसान

हिमाचल में भारी बारिश के चलते बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने 1.53 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान दर्ज किया है, जबकि जल शक्ति विभाग (जलापूर्ति और सिंचाई) को 94,772.97 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 

बिजली क्षेत्र को 13,946 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान

रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली क्षेत्र को 13,946 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हुआ है। साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, मत्स्य पालन, ग्रामीण और शहरी विकास, और पशुपालन क्षेत्रों को भी नुकसान हुआ है।

आवास क्षति में 338 पूर्णतः क्षतिग्रस्त पक्के मकान, 438 पूर्णतः क्षतिग्रस्त कच्चे मकान, तथा 3,367 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के मकान शामिल हैं। साथ ही दुकानों, गौशालाओं, श्रमिकों की झोपड़ियों, घाटों और कृषि भूमि को भी नुकसान पहुंचा है। 

और बढ़ सकती है मृतकों की संख्या

राज्य सरकार बचाव, राहत और पुनर्स्थापन कार्य जारी रखे हुए है। एसडीएमए ने दोहराया है कि संपर्क, बिजली आपूर्ति और पेयजल व्यवस्था बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर संवेदनशील जिलों में भारी बारिश जारी रही तो मृतकों की संख्या और नुकसान और बढ़ सकता है। (इनपुट-एएनआई)

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