Thursday, April 18, 2024
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मोदी सरकार आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चल रही है: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक, एनएमएफटी सम्मेलन की मेजबानी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे, इस बुराई को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की उसकी नीति, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस मुद्देपर चर्चा कराने को मोदी सरकार द्वारा दी जा रही अहमियत को दर्शाती है।

Reported By : PTI Edited By : Akash Mishra Published on: November 12, 2022 14:29 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

मोदी सरकार आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चल रही है और इस बुराई के विरूद्ध भारत की लड़ाई में उसके संकल्प से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराएगा।? केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि वह यहां 18-19 नवंबर को ‘आतंकवाद के लिए कोई पैसा नहीं’ (NMFT) विषयक तीसरा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसमें 75 देशों एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि दो दिनों तक परिचर्चा में हिस्सा लेंगे।

अमित शाह इस सम्मेलन में करेंगे शिरकत

मंत्रालय के बयान के अनुसार, एनएमएफटी सम्मेलन की मेजबानी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे, इस बुराई को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की उसकी नीति, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस मुद्देपर चर्चा कराने को मोदी सरकार द्वारा दी जा रही अहमियत को दर्शाती है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे तथा आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई में सफलता हासिल करने के लिए आतंकवाद एवं उसके सहयोग तंत्र के खिलाफ संघर्ष में भारत का संकल्प सामने रखेंगे।

इस मुद्दे पर होगी चर्चा

बयान के अनुसार इस सम्मेलन का लक्ष्य, पेरिस (2018) और मेलबर्न (2019) के पिछले दो सम्मेलनों में आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के विषय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जो चर्चा की थी, उसे आगे ले जाना है। उसका मकसद आतंकवाद वित्तपोषण के सभी पक्षों के तकनीकी, कानूनी एवं सहयेाग पहलुओं पर चर्चा शामिल को करना है। उसमें आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर केंद्रित अन्य उच्च स्तरीय आधिकारिक एवं राजनीतिक चर्चा को गति प्रदान करने की कोशिश की जाएगी।

'कई देश आतंकवाद से पीड़ित'

दुनियाभर में कई देश वर्षों से आतंकवाद एवं उग्रवाद से पीड़ित हैं। इस हिंसा के स्वरूप भले ही भिन्न भिन्न हैं लेकिन वह काफी हद तक अस्थिर भू-राजनीतिक माहौल एवं दीर्घकालिक जातीय संघर्षों के कारण उत्पन्न होती है। भारत ने पिछले तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद के विभिन्न रूपों को झेला है, इसलिए वह इस स्थिति से प्रभावित देशों की पीड़ा समझता है। 

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