Saturday, April 20, 2024
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भारत-रूस ने 28 समझौतों पर किए हस्ताक्षर, आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने का लिया निर्णय

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई क्षेत्रों में संधि समेत 28 समझौते किए गए। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का मुद्दा उठाया या नहीं? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी सभी चिंताओं पर चर्चा हुई।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 06, 2021 22:59 IST
Prime Minister Narendra Modi receives Russian President Vladimir Putin for a meeting at Hyderabad Ho- India TV Hindi
Image Source : PTI Prime Minister Narendra Modi receives Russian President Vladimir Putin for a meeting at Hyderabad House in New Delhi, Monday.

Highlights

  • पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई शिखर वार्ता
  • भारत और रूस के बीच 28 समझौते पर हस्ताक्षर हुए
  • अफगानिस्तान का भी हुआ जिक्र, दोनों देशों ने आतंकवाद से लड़ाई पर दिया जोर

नयी दिल्ली: नई दिल्ली में 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान सोमवार को भारत और रूस ने आपसी साझेदारी और अधिक विस्तारित करने के लिए 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। साथ ही, आतंकवाद से खतरा एवं अफगानिस्तान में उभरती स्थिति जैसी बड़ी चुनौतियों से निपटने में सहयोग व समन्वय बढ़ाने का संकल्प लिया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर वार्ता को ''काफी फलदायी'' करार दिया। 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि आज 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर चर्चा की, जिसमें महामारी के बाद वैश्विक आर्थिक सुधार और अफगानिस्तान की स्थिति शामिल है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि इस यात्रा के दौरान 28 समझौते या समझौता ज्ञापन संपन्न हुए। समझौतों में व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, बौद्धिक संपदा, जनशक्ति, बैंकिंग में साइबर हमला, अकाउंटेंसी आदि क्षेत्र शामिल हैं।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई क्षेत्रों में संधि समेत 28 समझौते किए गए। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का मुद्दा उठाया या नहीं? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी सभी चिंताओं पर चर्चा हुई। श्रृंगला ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि मोदी और पुतिन ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच करीबी सहयोग व विचार-विमर्श जारी रखने का निर्णय लिया। 

विदेश सचिव ने कहा, ''दोनों पक्ष इस बात को लेकर स्पष्ट रहे कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग किसी भी तरह के आतंकी कृत्यों की साजिश, प्रशिक्षण और आश्रय के लिए नहीं किया जाना चाहिए।'' विदेश सचिव ने कहा कि वार्ता के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद से निपटने पर भी जोर दिया गया और दोनों पक्षों ने इसे साझा हितों वाला क्षेत्र करार दिया। श्रृंगला ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा-पार आतंकवाद से लड़ने की आवश्यकता पर भी बल दिया। भारत और रूस ने अगले 10 वर्षों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग के एक कार्यक्रम पर भी हस्ताक्षर किए है। 

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हम रूस के साथ अपनी बौद्ध से सबंधित मुद्दों पर संबंध गहन करने पर विचार कर रहे हैं। रूस में 15 मिलियन बौद्ध हैं। यह समुदाय तीर्थयात्रा और अन्य कारणों से भारत आने का इच्छुक है। इसलिए दोनों देशों बीच सांस्कृतिक सहयोग महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं की शिखर वार्ता से पहले दिन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोयगु के बीच वार्ता हुई थी। इससे अलग, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता की। इसके बाद दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता की।

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