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केरल में 69 साल के बुजुर्ग ने ली 'महासमाधि', जानें पुलिस ने कब्र से क्यों निकाला था शव

बुजुर्ग के परिजनों ने दावा किया था कि उन्होंने समाधि ली है। इसके बाद पुलिस ने जांच के लिए शव को कब्र से बाहर निकाला था। हालांकि, पोस्टमार्टम के बाद इसे दोबारा दफना दिया गया।

Edited By: Shakti Singh
Published : Jan 17, 2025 20:23 IST, Updated : Jan 17, 2025 20:23 IST
Maha Samadhi
Image Source : X/ANI महा समाधि लेने वाले बुजुर्ग का घर

केरल के तिरुवनंतपुरम में 69 साल के एक व्यक्ति ने महासमाधि ली है। समाधि लेने वाले व्यक्ति के शव को शुक्रवार के दिन उसके निवास स्थान पर फिर से दफनाया गया। इस व्यक्ति ने नेय्याट्टिनकारा के पास अपने घर में ही समाधि ली थी, लेकिन अधिकारियों ने उसके परिवार के इस दावे पर संदेह जताया था। इसके बाद शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। शव को एक धार्मिक जुलूस के साथ यहां लाया गया और 'ओम नमो नमः शिवाय' के मंत्रों के बीच एक बड़े चौकोर गड्ढे में फिर से दफनाया गया। उनके परिवार और दफन करने वाले लोगों ने इस समारोह को 'महा समाधि' बताया। 

गोपन स्वामी के शव को शवगृह से फूलों से सजे एक खुले वाहन में परिवार के घर लाया गया। शव को लाल कपड़े में लपेटकर बैठाया गया था। धार्मिक जुलूस के दौरान उनके रिश्तेदारों और समर्थकों ने शव पर फूल बरसाए। एक बड़ा चौकोर गड्ढा तैयार किया गया और उसका नाम 'ऋषि पीठम' (जहाँ एक योगी बैठता है) रखा गया और अवशेषों को पूरी तरह से 'विभूति' (पवित्र राख) से ढंककर उसमें क्रॉस-लेग्ड स्थिति में दफनाया गया।

'ओम नमो नमः शिवाय' जाप के साथ पूरा हुआ कार्यक्रम

पूरे 'महा समाधि' अनुष्ठान के दौरान, स्थानीय धर्मगुरु और 'संन्यासियों' ने 'ओम नमो नमः शिवाय' का जाप किया, जबकि इसे देखने के लिए वहां बड़ी भीड़ जमा हो गई। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच गोपन स्वामी के अवशेषों को निकाला गया और उनकी रहस्यमय मौत की जांच के तहत उनका पोस्टमार्टम किया गया। तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद, उसी दिन दोपहर तक शव परिवार को सौंप दिया गया। पुलिस ने कहा कि शुरुआती पोस्टमार्टम निष्कर्षों के अनुसार, मौत का कारण प्राकृतिक प्रतीत होता है।

कोर्ट ने हस्तक्षेप से इंकार किया

परिवार के सदस्यों और निवासियों के विरोध के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में शव को निकालने का काम रोक दिया गया था। इसके बाद, परिवार ने शव को निकालने से रोकने के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन न्यायालय ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। यह घटना तब प्रकाश में आई जब व्यक्ति के घर के पास पोस्टर लगे थे, जिसमें लिखा था, "गोपन स्वामी ने समाधि ले ली है।" पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और निवासियों की शिकायतों के बाद शव को निकालने का काम शुरू किया, जिसमें गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था।

पिछले शुक्रवार ली थी समाधि

गोपन स्वामी के बेटे राजसेनन ने दावा किया कि उनके पिता पिछले शुक्रवार को रात करीब 11.30 बजे दफन स्थल पर गए और समाधि में चले गए। उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके पिता ने परिवार को निर्देश दिया था कि वे उनके शव को लोगों की नजरों से दूर रखें और उसे निर्धारित स्थान पर दफनाएं। दफन स्थल को विशेष रूप से गोपन स्वामी ने तैयार किया था, जो एक पुजारी हैं और जिन्होंने नेय्याट्टिनकारा के कावुविलकम में अपनी संपत्ति पर एक मंदिर भी स्थापित किया था। (इनपुट-पीटीआई)

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