मणिपुर में बीते साल मई महीने से शुरू हुआ हिंसा का दौर अब भी थमा नहीं है। प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी राज्य से लगातार हिंसा और हत्या की खबरें आ ही रही हैं। पीटीआई के मुताबिक, यहां गुरुवार को बिष्णुपुर जिले में भी चार लोगों की हत्या कर दी गई है। हैरानी की बात ये है कि मारे गए सभी लोग अपने खेतों में खेत में सिंचाई कर रहे थे। राज्य में फिर से हुई इस खौफनाक घटना ने लोगों के दिलों को दहला दिया है।
कैसे हुई पूरी वारदात?
पुलिस ने बताया है कि यह घटना निंगथौखोंग खा खुनौ इलाके में हुई है। मरने वालों में एक व्यक्ति और उसके 60 वर्षीय पिता शामिल हैं। गोलीबारी में बचे एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया है कि जब मजदूर खेत में सिंचाई कर रहे थे तभी पांच से छह हथियारबंद बदमाश आए और उन्हें नजदीक से गोली मार दी। गोली मारने के बाद बदमाश उन पहाड़ी इलाकों की ओर भाग गए, जहां से वे आए थे। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
3 बीएसएफ जवान भी घायल
मणिपुर पुलिस ने बीते दिन जानकारी देते हुए कहा है कि बुधवार देर रात भीड़ में से कुछ बंदूकधारियों ने थौबल पुलिस मुख्यालय में तोड़फोड़ करने का प्रयास किया था। इस दौरान उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी की। उग्र भीड़ ने खंगाबोक में तीसरी भारतीय रिजर्व बटालियन को निशाना बनाया जहां सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करके उन्हें खदेड़ दिया। भीड़ ने थौबल पुलिस मुख्यालय में तोड़फोड़ करने का प्रयास किया, जिसके बाद सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा। भीड़ में से हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं जिससे बीएसएफ के तीन जवान घायल हो गये।
पुलिस के दो कमांडो भी शहीद
पुलिस के मुताबिक मणिपुर में गोलीबारी में घायल हुए बीएसएफ जवानों की पहचान कांस्टेबल गौरव कुमार, एएसआई सोबराम सिंह और एएसआई रामजी के रूप में की गई है। घायल होने के बाद उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका इलाज जारी है। पुलिस ने बताया कि बुधवार को राज्य में तेंगनोउपल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के एक वाहन पर भी हमला किया था। इसमें मणिपुर पुलिस के दो कमांडो शहीद हो गये थे।
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