नई दिल्ली: मुख्य सचिव को थप्पड़ मारने के आरोप में बुरी तरह फंसी आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर में लगे सीसीटीवी कैमरों पर दिल्ली पुलिस के खुलासे के बाद आम आदमी पार्टी चारों ओर से घिर गई है लेकिन अपनी गलती मानने और सुधरने के बजाए केजरीलाल की पार्टी विरोध की राजनीति कर रही है। आम आदमी पार्टी आज देश भर में प्रदर्शन कर रही है... और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सड़कों पर उतर रही है।
वहीं इस थप्पड़कांड में बुरी तरह फंस चुकी आप की चोरी की परतें एक-एक करके खुल रही हैं। केजरीवाल के घर में बंद पड़े सीसीटीवी कैमरों से लेकर कैमरों की टाइमिंग को पीछे करने का उसका झूठ एक-एक करके बाहर आ रहा है लेकिन ना तो पार्टी और ना ही उसके नेता सुधरने का नाम ले रहे हैं।
थप्पड़कांड के बाद आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि अंशु प्रकाश सीएम हाउस से रात के 11 बजकर 31 मिनट पर ही बाहर निकल गए थे ऐसे में रात 12 बजे के बाद मारपीट की बात बेबुनियाद है लेकिन दिल्ली पुलिस कल जब केजरीवाल के घर पहुंची तो खुलासा हुआ कि सीएम के घर में लगे सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे थी।
यानी जिस वक्त अंशु प्रकाश केजरीवाल के घर से निकल रहे थे उस वक्त सीसीटीवी कैमरे में भले ही 11 बजकर 31 मिनट 7 सेकेंड हो रहे हों लेकिन सही वक्त था रात के 12 बजकर 11 मिनट 49 सेकेंड। अब दिल्ली पुलिस के खुलासे के बाद आम आदमी पार्टी सीसीटीवी कैमरे से पल्ला झाड़ रही है।
दिल्ली में 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का दावा करने वाले केजरीवाल के खुद के घर में सीसीटीवी ठीक से काम नहीं कर रहे थे। जिस कमरे में मारपीट का आरोप है उस कमरे में तो सीसीटीवी ही नहीं था और तो और पूरे घर में लगे 21 में से सिर्फ 14 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे बाकी सात में रिकॉर्डिंग नहीं हो रही थी।
पुलिस ने इन कैमरों के डीवीआर कब्जे में ले लिए हैं और इस बात की जांच कर रही है कि आखिर ये कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे। सवाल ये भी है कि जहां ये कैमरे लगे हैं क्या वहां से मुख्य सचिव गुजरे थे और क्या जानबूझकर इन कैमरों को बंद कर दिया गया था।