Saturday, April 20, 2024
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झारखंड: 24 दिन बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार नहीं, गैरों के साथ अपने भी कस रहे तंज!

झारखंड में नई सरकार का शपथ ग्रहण 29 दिसंबर को हुआ था। अबतक 24 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है।

IANS Reported by: IANS
Published on: January 21, 2020 19:33 IST
Hemant Soren- India TV Hindi
Hemant Soren

रांची: झारखंड में नई सरकार का शपथ ग्रहण 29 दिसंबर को हुआ था। अबतक 24 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है। नई सरकार में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 12 मंत्री होंगे, जिनमें से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा कांग्रेस के दो और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक विधायक ने मंत्रिपद की शपथ ली है। फिलहाल मंत्रिमंडल में आठ सीटें खाली हैं। जिन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है, उन्हें भी विभाग नहीं बांटे गए हैं। विपक्ष अब नई सरकार को कांग्रेस की कठपुतली बनने का आरोप लगा रहा है।

भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का आरोप है कि गठबंधन की सरकार चुनाव से पहले झारखंड की जनता की सरकार होने का दावा करती थी, लेकिन असल में यह कांग्रेस की कठपुतली है। उन्होंने कहा कि 24 दिन के कार्यकाल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पांच बार दिल्ली जाकर 11 दिन वहां गुजार चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली में बैठकर ट्विटर पर ही सरकार चला रहे हैं।

शाहदेव का दावा है कि कांग्रेस विभागों के बंटवारे को लेकर हस्तक्षेप कर रही है, जिसके कारण मुख्यमंत्री को कभी सोनिया गांधी के दरबार में तो कभी लालू प्रसाद के जेल दरबार में हाजिरी लगानी पड़ रही है। उन्होंने इसे मात्र 'ट्रेलर' बताकर तंज कसा है और कहा है कि अभी तो पूरी फिल्म बाकी है।

विपक्ष तो विपक्ष, सरकार का समर्थन कर रहा झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) भी मुख्यमंत्री सोरेन को आईना दिखा रहा है। झाविमो में अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा हैं, "मुख्यमंत्री की अपनी सोच होनी चाहिए। किसे मंत्री बनाना है और किसे कौन विभाग देना है, यह निर्णय खुद मुख्यमंत्री को लेना चाहिए। मुख्यमंत्री को खुद पर कमान होना चाहिए, लेकिन यहां तो रांची और दिल्ली आने-जाने, समझने में समय बिता दिया गया। पांच साल में एक महीना तो व्यर्थ में चला गया। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं तो आगे क्या काम हो सकता है?"

भाजपा से अलग हुए और जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास को विधानसभा चुनाव में हराने वाले सरयू राय ने भी अबतक मंत्रिमंडल का गठन नहीं होने को गलत बताया है। इस बीच, कांग्रेस के राजेश ठाकुर ने कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि खरमास में अधिक समय बर्बाद हुआ, जिसके कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है।

विधायकों के बीच भी मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने पर नाराजगी बढ़ रही है। झामुमो के एक विधायक ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा, "सरकार के पूरी तरह गठन नहीं होने के कारण कई काम अधर में पड़े हैं। कागजी कार्रवाई भी आवश्यक है। मंत्रिमंडल की बैठक नहीं हो पा रही है। विधायकों के पास भी कोई काम नहीं है।"

सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के कारण मंत्रिमंडल विस्तार का पेंच फंसा हुआ है। एक सूत्र ने बताया कि "कांग्रेस ने कई कार्मिक और गृह जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मांग कर दी है, जिस कारण सहमति नहीं बन पाई है। अब सोरेन की भी नाराजगी बढ़ी है। सोरेन भी इस तरह की मांग से खुश नहीं हैं।"

बहरहाल, झारखंड में एकबार फिर गठबंधन की सरकार बनी है और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रारंभ में हुए इस विवाद को लेकर लोगों के बीच सरकार के प्रति अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।

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