Thursday, April 25, 2024
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Anand Sharma: क्या बीजेपी में आएंगे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कही ये बात, जानिए समीकरण

Anand Sharma: आनंद शर्मा ने भी साफ किया है कि वे बीजेपी जॉइन नहीं कर रहे हैं। वे कांग्रेस पार्टी के प्र​त्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करते रहेंगे। हालांकि राजनीति में 'ना' का मतलब सिर्फ ना नहीं होता है। 'ना' कहने के भी कई मायने होते हैं।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: August 22, 2022 9:08 IST
Anand Sharma - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Anand Sharma

Highlights

  • कांग्रेस पार्टी की संचालन समिति से त्यागपत्र उनका निजी निर्णय: जेपी नड्डा
  • जून महीने में भी जेपी नड्डा और आनंद शर्मा की हुई थी मुलाकात
  • कई मौकों पर अपने वक्तव्यों से कर चुके हैं प्रभावित आनंद शर्मा

Anand Sharma: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश की चुनाव संचालन समिति से इस्तीफा क्या दे दिया, अब राजनीतिक गलियारों में यह हलचल होने लगी है कि वे बीजेपी में आ सकते हैं। पिछले महीने आनंद शर्मा और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात भी हुई थी। तब भी यह लगा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा कहीं पार्टी तो नहीं बदल रहे हैं। हालांकि जेपी नड्डा ने इस बारे में कहा था कि इस बारे में कोई बातचीत नहीं हुई है। आनंद शर्मा ने भी साफ किया है कि वे बीजेपी जॉइन नहीं कर रहे हैं। वे कांग्रेस पार्टी के प्र​त्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करते रहेंगे।  हालांकि राजनीति में 'ना' का मतलब सिर्फ ना नहीं होता है। 'ना' कहने के भी कई मायने होते हैं। 

कांग्रेस पार्टी की संचालन समिति से त्यागपत्र उनका निजी निर्णय: जेपी नड्डा

इसी बीच मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आनंद शर्मा का कांग्रेस पार्टी की संचालन समिति पद से त्यागपत्र देना उनका निजी निर्णय है। मेरा उनसे एक मित्र के रूप में नाता रहा है। हम यूनिवर्सिटी में साथ में पढ़े हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि हमने पार्टी जॉइन करने के बारे में कोई बात नहीं की। हम व्यक्तिगत रूप से एक दूसरे को जानते हैं। हमारे पास 'साझा संभावनाएं' हैं। 

जून महीने में भी जेपी नड्डा और आनंद शर्मा की हुई थी मुलाकात

इससे पहले जून माह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच मुलाकात हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मुलाकात के बाद भी सियासी हलचलें तेज हो गई थीं। तब भी ऐसा लगा था क्योंकि तब कांग्रेस के डूबते जहाज से कई नेता निकलकर बीजेपी में शामिल होते जा रहे थे। शर्मा और नड्डा की मुलाकात भी कुछ इसी दिशा में जाती दिखाई दी थी। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में नड्डा और शिमला में जन्मे शर्मा की मुलाकात को बेहद अहम माना जाता है।

आनंद शर्मा बीजेपी में यदि आ गए, तो आगामी चुनाव में मिलेगा लाभ!

दरअसल, हिमाचल प्रदेश में इसी साल के अंत में चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा बीजेपी में आ जाते हैं तो इसका प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा होता नजर आएगा। लेकिन अभी यह सबकुछ पूरी तरह तय नहीं हैं। क्योंकि जिस तरह उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं तेज हुई हैं नड्डा से मुलाकात के बाद। उस पर खुद आनंद शर्मा का बयान भी 'ना नुकूर' वाला ही रहा है। 

मुझे नड्डा से मिलने का पूरा अधिकार: आनंद शर्मा

आनंद शर्मा ने पिछले माह कहा था कि 'मुझे जेपी नड्डा से मिलने का पूरा अधिकार है। क्योंकि वह मेरे लिए बीजेपी अध्यक्ष नहीं हैं। हम दोनों एक ही राज्य से आते हैं और हमने पढ़ाई भी साथ में की है। इसलिए इस मुलाकात का राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

आने वाले समय में क्या बन सकते हैं समीकरण?

हालांकि इससे पहले भी कई बार ऐसे मौके आए हैं। जब कोई नेता मेल मुलाकातों और दूसरी पार्टी में जाने की खबरों का खंडन करता है, लेकिन बाद में परिणाम कुछ और ही होता है। हालांकि आनंद शर्मा वरिष्ठ नेता हैं और वे कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री रह चुके हैं। राज्यसभा का प्र​तिनिधित्व कर चुके हैं और राज्यसभा में अपने तर्कपूर्ण बयानों से एक परिपक्व राजनेता का परिचय देते रहे हैं, लेकिन ऐसे समय में जबकि आज चारों ओर बीजेपी में दूसरी पार्टियों के नेता समाहित होते जा रहे हैं, यदि आनंद शर्मा भी नड्डा से मुलाकात के बाद बीजेपी में शामिल हों, तो कोई बड़ा आश्चर्य नहीं होना चाहिए। क्योंकि उनके ही मित्र और कांग्रेस के जी 23 ग्रुप के लीडर रहे कपिल सिब्बल ने भी हाल के समय में कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभ की राह पकड़ी। आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल दोनों जी—23 ग्रुप के नेता रहे, जिन्होंने कांग्रेस की बुरी हालत पर कई बार अपनी राय दी।

कई मौकों पर अपने वक्तव्यों से कर चुके हैं प्रभावित

राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने सुषमा स्वराज की श्रद्धांजलि सभा में भी अपनी वहां मौजूद पीएम मोदी और अन्य केबिनेट मंत्रियों के बीच प्रभावी वक्तव्य दिया था और ये बताया था कि किस तरह उनका सम्मान सुषमाजी किया करती थीं। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बतौर राज्यसभा सदस्य अपना आखिरी वक्तव्य 7 फरवरी को दिया था। वे हमेशा अपने वक्तव्यों से विपक्षी पार्टियों के नेताओं की प्रशंसा भी पाते रहे हैं।

राज्यसभा के आखिरी वक्तव्य में कही थी ये बात

हालांकि उन्होंने अपने राज्यसभा के आखिरी वक्तव्य के समय राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार रखे थे। उन्होंने कहा था कि जिस किसी ने भी राष्ट्रपति का अभिभाषण लिखा है, उसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। शर्मा ने कहा था कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा का जिक्र नहीं है, ये चिंता की बात है। उन्होंने तब यह कहा था कि जिसने भी यह भाषण लिखा है, उसने राष्ट्रपति के साथ नाइंसाफी की है।  उन्होंने इस दौरान इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय स्मारक में विलय करने पर भी आपत्ति जताई थी। 

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