Saturday, December 14, 2024
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हिजाब पर 'बैन' लगाने वाले प्रिंसिपल को अवॉर्ड न देने पर भड़के बीजेपी MLA, कहा-एक समुदाय के दबाव में झुक गई सरकार, माफी मांगें सिद्धारमैया

कर्नाटक की सरकार द्वारा SDPI के विरोध के बाद अपने कॉलेज में हिजाब को बैन करने वाले प्रिंसिपल को अवॉर्ड न दिए जाने पर बीजेपी विधायक यशपाल सुवर्णा ने सीएम से माफी की मांग की है।

Reported By : T Raghavan Edited By : Vineet Kumar Singh Published : Sep 05, 2024 13:10 IST, Updated : Sep 05, 2024 13:11 IST
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Image Source : INDIA TV उडुपी के विधायक यशपाल सुवर्णा ने प्रिंसिपल को अवॉर्ड न दिए जाने पर सिद्धारमैया सरकार को घेरा है।

बेंगलुरु: कर्नाटक की सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी SDPI के विरोध के बाद हिजाब पर ‘बैन’ लगाने वाले प्रिंसिपल को सम्मानित करने का फैसला वापस ले लिया है। बता दें कि कर्नाटक के शिक्षा विभाग ने उडुपी जिले के कुन्दपुरा PU कॉलेज के प्रिंसिपल बी. जी. रामकृष्णा को ‘बेस्ट प्रिंसिपल’ अवॉर्ड के लिए चुना था लेकिन अब उन्हें यह सम्मान नहीं दिया जा रहा है। उडुपी से बीजेपी के विधायक यशपाल सुवर्णा ने इस मुद्दे को लेकर सिद्धारमैया सरकार पर जोरदार हमला बोला है और कहा है कि शिक्षक समुदाय के इस अपमान के लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

‘उनके काम का रिकॉर्ड शानदार रहा है’

सुवर्णा ने कहा, ‘इस अवॉर्ड को सरकार की ओर से शिक्षा विभाग की एक चयन समिति की सिफारिश के आधार पर उनकी योग्यता, शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए दिया गया। रामकृष्णा इसके असली हकदार हैं, उनके काम का रिकॉर्ड शानदार रहा है। हिजाब के मसले को लेकर जब विवाद हुआ था तब एक प्रिंसिपल होते हुए उन्होंने सिर्फ नियमों का पालन किया था। उन्होंने कोई राजनीति नहीं की, समान यूनिफॉर्म के नियम का पालन करने के लिए उन्होंने हिजाब पर बैन लगाया। ये उनका व्यक्तिगत आचरण नहीं था बल्कि संस्थान के अनुशासन का पालन करवाया था।’

‘ये जिले की जनता का अपमान है’

प्रदेश की सिद्धारमैया सरकार पर एक समुदाय विशेष के दबाव में झुकने का आरोप लगाते हुए बीजेपी विधायक ने कहा, ‘रामकृष्णा को अवॉर्ड देने के लिए चुने जाने के बाद सरकार अब मना कर रही है। ये सरकार एक समुदाय के दबाव में आकर झुक गई है। ये जिले की जनता का अपमान है, शिक्षक समुदाय का अपमान है। एक बार फिर सिद्धारमैया की सरकार मधुमक्खी के छत्ते पर हाथ डालने का काम कर रही है। CM को जिले की जनता के अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए। उनकी योग्यता के आधार पर उन्हें अवार्ड दिया जाना चाहिए नहीं तो हम चुप नहीं बैठेंगे।’

क्या था हिजाब बैन विवाद?

बी. जी. रामकृष्णा ने पीयू कॉलेज के नियमों का पालन करते हुए फरवरी 2022 में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को क्लास में दाखिल नहीं होने दिया था। उस समय वायरल हुए वीडियो में छात्राएं हिजाब में गेट के पास खड़ी नजर आ रही हैं। रामकृष्णा के इस फैसले के बाद पूरे राज्य में ‘हिजाब बैन’ को लेकर जबरदस्त बवाल खड़ा हुआ था। बी. जी. रामकृष्णा ने बताया कि उन्हें बुधवार को शिक्षा विभाग की ओर से सूचना दी गई कि तकनीकी कारणों के चलते फिलहाल उन्हें ये अवॉर्ड नहीं दिया जाएगा। उन्होंंने कहा कि उनसे बताया गया है कि हालांकि उनके अवॉर्ड को रद्द नहीं किया गया है।

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