Thursday, May 16, 2024
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रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस को नफरत, इसलिए नहीं उतारा स्थानीय उम्मीदवार, दिनेश प्रताप सिंह ने दिया बयान

भारतीय जनता पार्टी के रायबरेली से उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह ने गांधी परिवार पर हमला बोला है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस परिवार को अमेठी और रायबरेली से नफरत है। यही वजह है कि किसी स्थानीय व्यक्ति को अमेठी से टिकट नहीं दिया, बल्कि लुधियाना का उम्मीदवार लाया गया।

Avinash Rai Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published on: May 09, 2024 14:40 IST
Congress hates Rae Bareli and Amethi, hence did not field local candidate, Dinesh Pratap Singh gave - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह का बयान

रायबरेली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह ने गांधी परिवार पर रायबरेली-अमेठी के प्रति 'नफरत' का भाव रखने का आरोप लगाते हुए पूछा है कि कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट से किसी स्थानीय नेता के बजाय पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के 'क्लर्क' को ही क्यों चुना? रायबरेली की हाई-प्रोफाइल सीट पर चुनावी मुकाबले में राहुल गांधी को चुनौती दे रहे सिंह ने 'पीटीआई—भाषा' से साक्षात्कार में यह भी दावा किया कि राहुल 2019 के लोकसभा चुनावों में अपनी मां सोनिया गांधी की जीत के अंतर से भी ज्यादा वोटों से हारेंगे। सोनिया ने 2019 में दिनेश प्रताप सिंह को ही एक लाख 67 हजार से अधिक वोटों से हराया था। हालांकि, यह रायबरेली सीट पर एक उपचुनाव सहित पांच चुनावों में सोनिया की जीत का सबसे कम अंतर था। 

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दिनेश प्रताप सिंह बोले- गांधी परिवार को रायबरेली-अमेठी से नफरत

दिनेश प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार को रायबरेली-अमेठी से नफरत है और इसीलिए उन्होंने 1952 के बाद से न तो इन सीटों पर वहां के किसी मूल निवासी को लोकसभा चुनाव में उतारा और न ही किसी को राज्यसभा भेजा। उन्होंने दावा किया, ''गांधी परिवार के मन में अमेठी-रायबरेली के लिए इतनी नफरत भरी हुई है कि 1952 से लेकर अब तक गांधी परिवार ने कभी भी रायबरेली में किसी मां की कोख से जन्मे व्यक्ति को लोकसभा का टिकट नहीं दिया। रायबरेली के किसी भी बेटे को राज्यसभा नहीं भेजा गया और गांधी परिवार ने रायबरेली से किसी को सांसद प्रतिनिधि तक नहीं बनाया।'' सिंह ने अमेठी से कांग्रेस के उम्मीदवार के.एल.शर्मा की तरफ इशारा करते हुए कहा, ''सांसद प्रतिनिधियों को भी बाहर से लाया गया है। आज यह लोगों के सामने है। लुधियाना से लाया गया व्यक्ति जो प्रियंका गांधी का क्लर्क है, क्या वही अमेठी से चुनाव लड़ सकता है? क्या अमेठी में कोई कांग्रेस नेता नहीं थे?'' 

"अमेठी में लुधियाना के व्यक्ति को दिया टिकट"

भाजपा नेता ने कहा, ''अमेठी-रायबरेली के प्रति गांधी परिवार के मन में जो नफरत है, वह इस रूप में प्रकट होती है कि हम अमेठी या रायबरेली से किसी व्यक्ति को टिकट नहीं देंगे बल्कि दिल्ली या लुधियाना से किसी व्यक्ति को टिकट देंगे।'' सिंह ने दावा किया कि इस बार अमेठी-रायबरेली की जनता गांधी परिवार को उसके इस रवैये के लिये करारा जवाब देगी। राहुल गांधी जहां रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को अमेठी सीट से मैदान में उतारा गया है। सिंह ने रायबरेली को कांग्रेस का राजनीतिक गढ़ मानने से इनकार करते हुए कहा, ''किला वह है जिसमें पार्टी के चार-पांच विधायक, आठ ब्लॉक प्रमुख, 10 जिला पंचायत सदस्य हों। रायबरेली में कांग्रेस के पास कोई प्रधान या ब्लॉक प्रमुख, विधायक, विधान परिषद सदस्य या जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं है।'' 

दिनेश प्रताप सिंह का दावा, यूपी में कांग्रेस के पास एक सांसद नहीं

उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास एक भी सांसद नहीं है। सोनिया गांधी के पास भले ही सांसद का प्रमाणपत्र है लेकिन सैद्धांतिक रूप से वह सांसद नहीं हैं। सिंह ने दावा किया कि सोनिया 2019 में भले ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ीं लेकिन दरअसल वह चार दलों के प्रतिनिधि के रूप में जीती थीं, क्योंकि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पाटी और अपना दल (कमेरावादी) गुट ने उनका समर्थन किया था। उन्होंने तर्क दिया, ‘‘अगर वह सिर्फ कांग्रेस प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़तीं, तो आप पाएंगे कि मैं सिर्फ कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी के खिलाफ लाखों मतों से जीतता।’’ सिंह ने कहा, ''आप कल्पना नहीं कर सकते कि रायबरेली में कांग्रेस की कितनी दुर्गति हुई है। वर्ष 2019 में जब मैंने चुनाव लड़ा था तो मैंने 2017 के विधानसभा चुनावों के स्कोर पर लड़ा। 2017 में कांग्रेस के सभी विधानसभा उम्मीदवारों को कुल तीन लाख 40 हजार वोट मिले थे और मुझे तीन लाख 60 हजार वोट प्राप्त हुए थे। फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का स्कोर एक लाख 40 हजार वोट है। इस तरह देखें, तो कांग्रेस पहले ही दो लाख वोट खो चुकी है।'' 

पीएम नरेंद्र मोदी पर लोगों को है भरोसा

सिंह ने कहा कि रायबरेली से मौजूदा कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी को उन पार्टियों का समर्थन नहीं है जो सोनिया गांधी को मिला था, इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि 2019 में सोनिया गांधी जितने वोटों से जीती थीं, राहुल गांधी उससे भी बड़े अंतर से हारेंगे। उन्होंने रायबरेली से अपनी जीत का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, ''लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बहुत भरोसा है और उनके नेतृत्व में देश के साथ-साथ लोगों की मेहनत की कमाई भी सुरक्षित है। रायबरेली की जनता भी प्रधानमंत्री पर भरोसा करती है।’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के रायबरेली में डेरा डालने और अपने भाई राहुल के लिए प्रचार करने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि यह उन मीडियाकर्मियों के लिए चर्चा का विषय हो सकता है जो बाहर से आए हैं लेकिन उनका यहां डेरा डालना रायबरेली के लोगों के लिए कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने ठेठ बोली में कहा, ''आज निकली हैं, हमका अंदाजा है कौनो गांव बची ना जहां बेलना (बेलन) लिए महिलाएं खड़ी ना हुई हैं, इनका स्वागत करे के लिये।' सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं माना जाना चाहिए कि रायबरेली में कांग्रेस अपराजेय है क्योंकि आपातकाल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी इस सीट से चुनाव हार चुकी हैं।

(इनपुट-भाषा)

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