Saturday, May 11, 2024
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महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर साधा निशाना, कहा- ये सिर्फ झुनझुना है

राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने इसे बीजेपी का चुनावी एजेंडा और झुनझुना करार दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस विधेयक के पीछे षड्यंत्र नजर आता है।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: September 21, 2023 12:45 IST
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Image Source : PTI राज्यसभा में चेयर में पीटी ऊषा और चर्चा में हिस्सा लेतीं कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन।

नई दिल्ली: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले विधेयक को लेकर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने इस विधेयक को सत्तारूढ़ बीजेपी का ‘चुनावी एजेंडा’ और ‘झुनझुना’ करार दिया है। राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान बोलते हुए गुरुवार को कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने मांग की कि इस प्रस्तावित कानून को जनगणना एवं परिसीमन के पहले ही लागू किया जाना चाहिए। रंजीत रंजन ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस विधेयक के पीछे षड्यंत्र नजर आता है क्योंकि सरकार 9.5 साल बाद इसे लेकर आई है।

‘बीजेपी ने विधेयक पेश करने में लंबा समय लगा दिया’

लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए रंजन ने कहा कि 2014 के आम चुनाव में बीजेपी के मैनिफेस्टो में महिला आरक्षण की बात की गई थी लेकिन उसने इसे पेश करने में इतना लंबा समय लगा दिया। उन्होंने सवाल किया कि इस बिल के लिए संसद के विशेष सत्र की क्या जरूरत थी? उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद इस बिल के जरिए भी सुर्खियां बटोरना है। उन्होंने इस विधेयक को चुनावी एजेंडा करार देते हुए कहा कि क्या सरकार इसके जरिए ‘झुनझुना’ दिखा रही है।

विधेयक के नाम पर कांग्रेस सांसद ने जताई आपत्ति
कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार का इरादा परिसीमन के बाद सीटों की संख्या को बढ़ाकर आरक्षण मुहैया कराना है ताकि पुरुषों की सीटों की संख्या न घटे। उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछ़ड़ा वर्ग की महिलाओं को भी अधिकार दिए जाने की मांग की। रंजीत रंजन ने कहा कि राजनीति के दलदल में अकेली महिलाओं का उतरना कठिन होता है, ऐसे में उन्हें अधिकारसंपन्न बनाने की जरूरत है। विधेयक के कानून बनने इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ कहे जाने का जिक्र करते हुए रंजन ने इस नाम पर आपत्ति जताई और कहा कि समानता महिलाओं का संवैधानिक अधिकार है और इसे पूजा से जोड़ना सही नहीं है।

‘बीजेपी की कथनी और करनी में भारी अंतर है’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीजेपी सरकार भले ही महिलाओं के वंदन की बात करती है लेकिन उसकी कथनी और करनी में भारी अंतर है। उन्होंने सवाल किया कि अगर सरकार को महिलाओं को उचित सम्मान ही देना था तो उसने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके आदिवासी समाज से आने वालीं महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को क्यों नहीं आमंत्रित किया। रंजीत रंजन ने कहा कि जब सत्ता पाने की जरूरत होती है तो महिलाओं की वंदना की जाती है। बता दें कि बुधवार को महिला आरक्षण बिल लोकसभा में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत से पास हो गया था।

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