Tuesday, May 21, 2024
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US Protest: अमेरिका में पुलिस ने MIT परिसर से फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को हटाया, उखाड़े तंबू

अमेरिका में फलस्तीन समर्थकों के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस सख्त है। पुलिस की सख्त के चलते प्रदर्शनकारियों के तंबू उखड़ने लगे हैं। अब तक पुलिस ने विरोध प्रदर्शन में शामिल 2500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Updated on: May 10, 2024 22:30 IST
अमेरिका में फलस्तीन समर्थकों का विरोध प्रदर्शन (सांकेतिक तस्वीर)- India TV Hindi
Image Source : AP अमेरिका में फलस्तीन समर्थकों का विरोध प्रदर्शन (सांकेतिक तस्वीर)

बोस्टन: पुलिस ने शुक्रवार तड़के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में फलस्तीन समर्थकों के तंबुओं को हटा दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने फिलाडेल्फिया में पेन्नसीलवेनिया विश्वविद्यालय के परिसर से प्रदर्शनकारियों को बाहर कर दिया। पुलिस ने इस कार्रवाई से कुछ ही घंटे पहले एरीजोना विश्वविद्यालय में एक तंबू को हटा दिया और प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। एमआईटी परिसर में पुलिस सुबह चार बजे पहुंची और प्रदर्शनकारियों को वहां से जाने के लिए 15 मिनट का समय दिया।

पुलिस कर रही है कार्रवाई 

विश्वविद्यालय की अध्यक्ष ने कहा कि वहां से नहीं जाने वाले 10 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच, परिसर के बाहर एकत्र हुई भीड़ ने नारेबाजी की लेकिन उसे सुबह छह बजे तक तितर-बितर कर दिया गया। टक्सन में, एरीजोना विश्वविद्यालय कैम्पस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बृहस्पतिवार रात आंसू गैस के गोले छोड़े। फिलाडेल्फिया में शुक्रवार तड़के, पुलिस ने पेन्नसीलवेनिया विश्वविद्यालय परिसर में दो हफ्ते से अधिक समय से डेरा डाले लोगों को हिरासत में ले लिया। करीब तीन हफ्ते पहले न्यूयॉर्क शहर के कोलंबिया विश्वविद्यालय में विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ था। तब से यह देशभर में कॉलेज परिसरों में फैल गया।

2,500 से अधिक लोग हुए गिरफ्तार 

प्रदर्शनकारी इजराइल-हमास युद्ध में हुई मौतों की ओर ध्यान आकृष्ट करना चाह रहे हैं और अपने शिक्षण संस्थानों से इजराइल या युद्ध का समर्थन कर रही कंपनियों के साथ कारोबार बंद करने की अपील कर रहे हैं। फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने को लेकर 2,500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एमआईटी अध्यक्ष सैली कोर्नब्लथ ने शुक्रवार की गिरफ्तारियों पर एक पत्र में लिखा कि उनकी यह जिम्मेदारी है कि परिसर सुरक्षित रहे और हर कोई अपने विचार प्रकट करने के लिए स्वतंत्र महसूस करे। (एपी)

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