Monday, April 29, 2024
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चुनावों में हार के बाद I.N.D.I.A. गठबंधन में कमजोर हुई कांग्रेस? जानें पार्टी नेताओं ने क्या कहा

कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद I.N.D.I.A. गठबंधन में मोलभाव करने की उसकी स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: December 09, 2023 20:08 IST
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Image Source : PTI FILE कई सियासी पंडितों का मानना है कि अब I.N.D.I.A. गठबंधन का भविष्य मुश्किल में है।

नई दिल्ली: भले ही कांग्रेस हाल ही में 3 हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हार गई, लेकिन पार्टी नेताओं का कहना है कि इस हार ने 'I.N.D.I.A.' गठबंधन में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सबसे पुरानी पार्टी की संभावनाओं और मोलभाव की ताकत को कम नहीं किया है। नाम न छापने की शर्त पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के कहा, '3 राज्यों के नतीजे बेशक निराशाजनक हैं, लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि कांग्रेस का सफाया हो गया है।' आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अभी भी BJP के खिलाफ सबसे बड़ी ताकत बनी हुई है और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उसकी मौजूदगी है, जहां क्षेत्रीय दलों की कोई पकड़ नहीं है।

‘हमें जमीनी हकीकत को स्वीकार करना होगा’

कांग्रेस नेता को जब याद दिलाया गया कि उनकी पार्टी उत्तर भारत में केवल हिमाचल प्रदेश में सत्ता में है और झारखंड तथा बिहार में वह क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ गठबंधन में है, तो उन्होंने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमें बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में गठबंधन में चुनाव लड़ना होगा क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), झारखंड मुक्ति मोर्चा और समाजवादी पार्टी जैसी क्षेत्रीय पार्टियां वहां मजबूत हैं।' पार्टी के एक सूत्र ने भी नेता की भावनाओं से सहमति जताई और कहा, 'हमें जमीनी हकीकत को स्वीकार करना होगा कि इन राज्यों में क्षेत्रीय दल मजबूत हैं और कांग्रेस को उनका समर्थन हासिल करने की जरूरत है।'

कई राज्यों में कांग्रेस और BJP के बीच सीधा मुकाबला

हालांकि, सूत्रों ने बताया कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के बाद कांग्रेस की मौजूदगी बाकी सभी राज्यों में है और खासतौर से पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में यह BJP की मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी उत्तर भारत में बीजेपी के लिए सीधा खतरा पेश करती है और वह उसे चुनौती जरूर देगी। सूत्रों ने कहा कि जब  'I.N.D.I.A.' गठबंधन में राज्यों के लिए सीट बंटवारे की बातचीत शुरू होगी, तो हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों का कांग्रेस की मोलभाव की ताकत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

‘AAP और समाजवादी पार्टी से निपटना आसान नहीं’

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Image Source : PTI FILE
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावों के बाद गठबंधन सहयोगियों संग बैठक की।

इस बीच पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में खराब संबंधों को देखते हुए AAP और समाजवादी पार्टी से निपटना आसान नहीं होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली और पंजाब में सत्ता पर काबिज AAP को इन दोनों राज्यों की सीटों पर आम सहमति बनानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में AAP के खिलाफ कांग्रेस मुख्य पार्टी रही है, जबकि दिल्ली में उसे आम आदमी पार्टी के अलावा BJP का भी सामना करना पड़ा है, जिसने राष्ट्रीय राजधानी में सभी 7 लोकसभा सीटें जीती थीं। पार्टी नेता ने आगे कहा कि सीट बंटवारे पर बातचीत के दौरान गठबंधन सहयोगियों के बीच सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

बुधवार शाम को खरगे की अगुवाई में हुई थी मीटिंग

बता दें कि बुधवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने  'I.N.D.I.A.' गठबंधन के नेताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी और 2024 की रणनीति तैयार करने तथा सीट बंटवारे के लिए बातचीत शुरू करने के लिए दिसंबर के तीसरे हफ्ते में गठबंधन की अगली बैठक बुलाने का निर्णय लिया। 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में  'I.N.D.I.A.' गठबंधन की तीसरी बैठक के बाद घोषणा की गई थी कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों में BJP से मुकाबला करने के लिए 14 सदस्यीय समन्वय समिति और 19 सदस्यीय चुनाव रणनीति समिति बनाएगी। (IANS)

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