Saturday, April 27, 2024
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किसान नेताओं ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- शुभकरण सिंह को मिले शहीद का दर्जा, वरना जारी रहेगा आंदोलन

पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान किसान नेताओं ने मांग की कि खनौरी बॉर्डर पर मारे गए किसान को सरकार शहीद का दर्जा दे और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Avinash Rai Published on: February 23, 2024 21:04 IST
Farmer leaders held a press conference demanded martyr status for Shubhakaran Singh who died in khan- India TV Hindi
Image Source : PTI शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस

पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान दिल्ली में घुसने को लेकर अड़े हुए हैं। इस बीच राकेश टिकैत द्वारा ट्रैक्टर मार्च निकाले जाने और रामीलाला मैदान में विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ शंभू बॉर्डर पर आज किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस बीच किसान नेता सुखविंदर सिंह ने कहा कि आज पूरे दिन कशमकश चलती रही कि शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार हो जाए तो सरकार से बात आगे बढ़ाई जाए। बता दें कि शुभकरण सिंह वही किसान हैं जिनकी मौत खनौरी बॉर्डर पर हो गई थी।

किसान नेताओं ने क्या कहा?

सुखविंदर सिंह ने कहा कि हमने दो दिनों का विराम इसलिए ही दिया था कि खनौरी बॉर्डर पर घायल किसानों को देख सकें। किसानों को उठाकर ले जा सकें। हमारी मांग थी कि शुभकरण सिंह पर अटैक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए और उसे शहीद का दर्जा दिया जाए। पंजाब सरकार ने शुभकरण सिंह की मौत पर उनके परिजनों को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही शुभकरण की बहन को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जबतक शुभकरण के हमलावरों के खिलाफ धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज नहीं होगी और उसे शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा, तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा।

किसान नेता मंजीत सिंह घुमाना ने कहा कि शुभकरण के पिता जी ने भी यही कहा है कि जब तक आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होती और शुभकरण को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता, तब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं गुरप्रीत सिंह सांगा ने कहा कि ऑनलाइन फ्लो को रोकने के लिए सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर हैंडलों को रोका जा रहा है। चलती मीटिंग में सोशल मीडिया हैंडलों को बंद कर दिया जा रहा है। 26 फरवरी को गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में बड़े स्तर पर आदिवासी विरोध प्रदर्शन करेंगे। ये इतिहास में पहली बार होगा।

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