
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संबोधन दे रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि देश को आगे की दिशा भी राष्ट्रपति जी ने दिखाई है। राष्ट्रपति जी का भाषण प्रेरक, प्रभावी था और हम सब के लिए भविष्य के काम का मार्गदर्शन भी था। मैं आदरणीय राष्ट्रपति जी के उद्बोधन पर धन्यवाद करने के लिए उपस्थित हुआ हूं। उन्होंने कहा कि करीब 70 से भी ज्यादा माननीय सांसदों ने अपने बहुमूल्य विचारों से इस आभार प्रस्ताव को समृद्ध करने का प्रयास किया है। यहां पक्ष, प्रतिपक्ष दोनों तरफ से चर्चा हुई, हर किसी न अपने-अपने तरीके से राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के जिसने जैसे समझा, उसे वैसा समझाया। यहां पर सबका साथ, सबका विकास इसपर बहुत कुछ कहा गया। मैं समझ ही नहीं पाता हूं कि इसमें कठिनाई क्या है।
कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ, सबका विकास की अपेक्षा करना, बहुत बड़ी गलती हो जाएगी। ये उनकी सोच के बाहर और समझ के बाहर है। साथ ही उनके रोडमैप में भी ये सूट नहीं करता है। क्योंकि वह इतना बड़ा दल हैं, एक परिवार को समर्पित हो गया है। उसके लिए सबका साथ सबका विकास संभव ही नहीं है। कांग्रेस ने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार किया था, जिसमें झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण सबका घालमेल था। जहां सबका घालमेल हो, वहां सबका साथ हो ही नहीं सकता। कांग्रेस के मॉडल में सर्वोपरि है, फैमिली फर्स्ट, इसलिए उनकी नीति, रीति, उनकी वाणी, उनका वर्तन उस एक चीज को संवारने में तपता रहा है।
जनता ने तीसरी बार दिया सेवा का मौका
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देश ने हमें सेवा करने का अवसर दिया। हमें तीसरी बार जनता ने मौका दिया। देश की जनता का आभारी हूं। देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है। राष्ट्र प्रथम, इसी एक भावना और समर्पित भाव से हमने लगातार अपनी नीतियों में, अपने कार्यक्रमों, वाणी, वर्तन में, इसी वाक्य को मानदंड मानकर के देश की सेवा करने का प्रयास किया है। मैं बड़े गर्व के साथ और बड़े संतोष के साथ कहता हूं, एक लंबे अरसे यानी पांच से छह दशक तक देश के सामने आल्टरनेटिव मॉडल क्या हो, तराजू पर तौलने का मौका नहीं मिला। 2014 के बाद देश को ऑल्टरनेटिव और नया मॉडल देखने को मिला है।
चुनाव के समय हो सके वोट की खेतीः नरेंद्र मोदी
उन्होंने कहा कि ये नया मॉडल तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण पर आधारित है। कांग्रेस के कालखंड में, हर चीज में तुष्टिकरण, यही उनका एक प्रकार से औषधि बन गई थी, उनकी राजनीति करने की। उन्होंने स्वार्थनीति, राजनीति, देशनीति सबका घोटाला करके रखा हुआ था। तरीका ये होता था कि छोटे तबके को कुछ दे देना और बाकियों को तरसा कर रखना। लोगों के आंखों पर पट्टी बांधकर के अपनी राजनीति सियासत को चलाए रखना, ताकि चुनाव के समय वोट की खेती हो सके, यही कार्य चलता रहा। हमारी कोशिश रही है कि भारत के पास जो भी संसाधन है, उन संसाधनों का ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन किया जाए। भारत के पास जो समय है, उस समय का भी बर्बादी से बचाकर के पल पल का उपयोग हो। देश की प्रगति, जनसामान्य के कल्याण के लिए, उसी पर वो खर्च हो। इसलिए हमने एक अप्रोच अपनाया, सैचुरेशन का अप्रोच।
पीएम मोदी बोले- सबका साथ, सबका विकास हमारा मूल मंत्र
पीएम मोदी ने कहा कि पैर उतने ही लंबे करने जितनी चादर हो। लेकिन जो योजना बने और जिनके लिए योजना बने, उन्हें इसका 100 फीसदी लाभ मिले। उन्होंने कहा कि हमारे गवर्नेंस का मूलमंत्र भी यही रहा है कि सबका साथ, सबका विकास। हमारी ही सरकार ने एससी, एसटी एक्ट को मजबूत बनाकर दलित और आदिवासी समाज के सम्मान और उनकी सुरक्षा के संबंध में अपनी प्रतिबद्धता भी दिखाई है। आज जातिवाद का जहर फैलाने का भरपूर प्रयास हो रहा है। लेकिन 3 दशक तक दोनों सदन के ओबीसी सांसद और सभी दलों के ओबीसी सांसद, सरकारों से मांग करते रहे थे कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। उसे उन्होंने ठुकरा दिया। इनकार कर दिया। क्योंकि शायद उस समय उनके राजनीति को ये सूट नहीं करता होगा। क्योंकि तुष्टिकरण की राजनीति और फैमिल फर्स्ट की राजनीति पर वो बैठेगा तो चर्चा तक के हित में नहीं आता।
बड़ी तेजी से रंग बदलने में माहिर है कांग्रेस
अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि इनकी सरकार में कभी भी बाबा साहब को भारत रत्न के लायक नहीं समझा गया। इस देश के लोगों ने बाबा साहब की भावना का आदर किया और सर्वसमाज न आदर किया। तब जाकर आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है, उनका मुंह सूख जाता है। कांग्रेस भी रंग बदलने में माहिर लग रही है। इतनी तेजी से अपना नकाब बदल देते हैं, ये इसमें साफ साफ नजर आ रहा है। कांग्रेस का अध्ययन करेंगे तो कांग्रेस की राजनीति, जैसे हमारा मूल मंत्र रहा सबका साथ, सबका विकास। वैसे उनका रहा दूसरे की लकीर छोटी करना। इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया, किसी भी राजनतीकि दल की सरकार कहीं बनी तो उसको अस्थिर कर दिया। क्योंकि दूसरों की लकीर छोटी करने में वो लगे रहे। ये उन्होंने जो रास्ता चुना है ना, लोकसभा के बाद भी जो उनके साथ थे, वो भी भाग रहे हैं। यही उनकी नीतियों का परिणाम है कि आज कांग्रेस का ये हाल हो गया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी, इतनी दुर्दशा। ये औरों की लकीर छोटी करने में अपनी शक्ति खपा रहे हैं ना, इसलिए उनकी ये दशा है। मैं बिना मांगे एडवाइस दे रहा हूं। आप अपनी लकीर लंबी करने के लिए सोचिए, तो कभी न कभी देश 10 मीटर दूर यहां आने का अवसर देगी।
इमरजेंसी पर क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि मैं इमरजेंसी के उन दिनों को नहीं भूल सकता। आज जो लोग लोकतंत्र और मानव गरिमा की बात करते हैं और बड़े बड़े भाषण देने के शौकीन हैं। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडीस समेत कई बड़े लोगों को हथकड़िया पहनाई गईं थी और उन्हें जंजीरों से बांधा था। बहुत लंबा संघर्ष चला। जनता जनार्दन की ताकत को बाद में इन्हें स्वीकार करना पड़ा और घुटने टेकने पड़े और देश में जनता जनार्दन के सामर्थ्य से इमरजेंसी हटी। भारत के लोगों के रगों में जो लोकतंत्र है, यह उसी का परिणाम था। मल्लिकार्जुन खरगे बढ़िया शेर सुनाते रहते हैं। उनका शौक भी है। एक शेर मैंने भी कहीं पढ़ा था। तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफान को पार कर दीया जलाया है।
मल्लिकार्जुन खरगे पर पीएम मोदी ने ली चुटकी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि खरगे जी, आपको आपके घर में ये बातें तो सुनने को मिलेंगी नहीं, इसलिए हम आपको ये बता रहे हैं। इस बार मैं देख रहा था खरगे जी कविताएं पढ़ रहे थे, लेकिन जो बातें बता रहे थे, उनको पता था कि ये कविताएं कब की है। भीतर कांग्रेस की दुर्दशा का इतना दर्द पड़ा था। लेकिन वहां कांग्रेस बोल नहीं सकते थे। इसलिए नीरज की कविता के माध्यम से उनके घर के हालात उन्होंने यहां पब्लिश किए। खरगे जी को आज मैं नीरज जी की कविता की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहता हूं। पीएम मोदी ने कहा, 'है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए, जिस तरह से भी हो, ये मौसम बदलना चाहिए।'
जिसे कोई नहीं पूछता, उसे मोदी पूजता है
पीएम मोदी ने कहा कि जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी पूजता है। हमने मुद्रा योजना से बाबा साहेब के सपने को पूरा किया। हमने वित्तीय समावेशन पर काम किया। हमने मछुआरा समुदाय के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया, जिससे मछलियों का उत्पादन और निर्यात तेजी से बढ़ा। पीएम मोदी ने कहा कि इस कांग्रेस कल्चर से मुक्ति पाने के लिए हमने प्रगति नाम की व्यवस्था बनाई और नियमित रूप से मैं स्वयं प्रगति प्लैटफॉर्म के माध्यम से अवसंरचना के निर्माण को मॉनिटर करता हूं। उन्होंने कहा कि पहले काम कैसे होते थे, मैं तथ्यों के साथ कुछ उदाहारण देना चाहता हूं। ताकि पता चले कि कैसे देश को नुकसान किया गया।
पीएम मोदी ने गिनाए आंकड़े
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसान, खेती पर भाषण दे देते हैं, अच्छा लगता है। क्योंकि उनका निवेश तो है नहीं। कोई काम करना नहीं, केवल भड़काते रहो। सरयू नहर परियोजना 1972 में स्वीकृत हुई थी, 5 दशक तक लटकी रही थी। 2021 में हमने इसे लागू किया। जम्मू कश्मीर की उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लाइन 1994 में स्वीकृत हुई थी। ये रेल लाइन भी वर्षों तक लटकी रही। तीन दशक बाद हमने 2025 में इसे पूरा किया। ओडिशा की हरिदासपुर-पारादीप रेल लाइन 1996 में स्वीकृत हुई थी। ये भी वर्षों तक अटकी रही। ये भी 2019 में हमारे कार्यकाल में पूरी हुई। असम का बोगीबिल ब्रिज 1998 में स्वीकृत हुआ था। हमारी सरकार ने 2018 में इसे पूरा किया। ऐसे सैकड़ों उदाहरण मैं दे सकता हूं। अटकाना, लटकाना, भटकाना कल्चर ने देश को कितना बर्बाद किया है, इसके सैकड़ों उदाहरण दे सकता है।
कांग्रेस ने देश की बर्बादी की: नरेंद्र मोदी
उन्होंने कहा कि देश जिसका हकदार था, इस प्रगति को पूरा न कर कांग्रेस ने कितनी बर्बादी की है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। आज के नौजवानों को ये जानना बहुत जरूरी है कि उनके मां बाप को मुसीबतों से जीवन क्यों गुजारनी पड़ी, देश की ऐसी हालत क्यों हुई। अगर बीते दशक में डिजिटल इंडिया के लिए हम एक्टिव नहीं होते तो आज जैसी सुविधाएं लेने में हमें कई साल इंतजार करना पड़ता। ये हमारे प्रोएक्टिव डिसिजिन का परिणाम है। आज देश में 5जी तकनीक, दुनिया में सबसे तेज गति से चलने वाली हमारे देश में है। मैं अतीत के अनुभवों से कह रहा हूं, कंप्यूटर, मोबाइल, एटीएम ऐसी कई तकनीकी दुनिया के कई देशों में हमारे से बहुत पहले पहुंच चुकी थी। लेकिन भारत में आते-आते दशकों बीत गए। अगर मैं बीमारी की बात करूं तो टीकाकरण की बात करूं तो चेचक की तो जब हम गुलाम थे तब दुनिया में इसका टीकाकरण हो चुका था, लेकिन भारत में यह दशकों बाद आया।
परमिट राज कांग्रेस की पहचान
उन्होंने कहा कि पोलियो की वैक्सीन का हमने दशकों तक इंतजार किया। कारण ये था कि कांग्रेस ने देश की व्यवस्था को ऐसे जकड़कर रखा था कि उन्हें लगता था कि कांग्रेस में जो बैठे हैं सारा ज्ञान उन्हें ही है। लाइसेंस परमिट राज का इतना जुल्म था कि देश में विकास नहीं हो रहा था। कंप्यूटर का जब शुरुआती दौर था, तो कंप्यूटर को इंपोर्ट करना यदि कोई चाहता है तो उसके लिए उसे लाइसेंस लेना होता था। कंप्यूटर लाने के लाइसेंस पाने में भी सालों लग जाते थे। वो दिन थे मकान बनाने के लिए सीमेंट चाहिए, तो सीमेंट के लिए भी परमिशन लेना पड़ता था। इतना ही नहीं, शादी ब्याह में अगर चीनी की जरूरत हो, चाय पिलानी हो तो भी लाइसेंस लेना पड़ता था। मैं ये बातें आजाद भारत की कर रहा हूं। कांग्रेस के कालखंड की बात कर रहा हूं।
कांग्रेस के एक नेता को कार खरीदने के लिए 15 साल इंतजार करना पड़ा
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व वित्तमंत्री जो अपने आप को बहुत ज्ञानी मानते हैं, उन्होंने माना था कि लाइसेंस परमिट के बिना कोई काम होते नहीं है। सारे काम लाइसेंस परमिट के रास्ते से ही गुजरते हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि लाइसेंस परमिट बिना रिश्वत के नहीं मिलता है। उस जमाने में रिश्वत मतलब हाथ की सफाई कौन करता था, ये कौन पंजा था, देश का नौजवान भलीभांति समझ सकता है। सदन में ही कांग्रेस के एक सदस्य मौजूद हैं, जिनके पिता जी के पास खुद के पैसे थे और कार खरीदना चाहते थे। 15 साल तक उनको कार के लिए इंतजार करना पड़ा था।