Friday, May 03, 2024
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इन नेताओं ने ठुकराया रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता, 22 जनवरी को नहीं जायेंगे अयोध्या

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हजारों लोग अयोध्या आ रहे हैं। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें निमंत्रण तो मिला है लेकिन वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 21, 2024 20:30 IST
Ayodhya, Ram Mandir - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इन नेताओं ने ठुकराया 22 जनवरी का न्योता

नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी के लिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए हजारों लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। देश के विभिन्न वर्गों से आने वाले लोगों को प्राण प्रतिष्ठा का न्योता दिया गया था। जिसमें से हजारों लोगों ने इस न्योते को स्वीकार कर लिया लेकिन कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने निमंत्रण को ठुकरा दिया।

सबसे पहले कांग्रेस ने ठुकराया निमंत्रण

निमंत्रण ठुकराने का सिलसिला सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने शुरू किया। कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सबसे पहले 10 जनवरी 2024 को एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि 22 जनवरी को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी अयोध्या नहीं जाएंगे। हालांकि 15 जनवरी को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कई नेता अयोध्या पहुंचे थे।

लालू यादव भी 22 को नहीं जाएंगे अयोध्या 

कांग्रेस के बाद टीएमसी की तरफ से भी साफ़ कर दिया गया कि 22 जनवरी को उनकी तरफ से कोई अयोध्या नहीं जाएगा। इसके बाद मीडिया ने जब आरजेडी प्रमुख लालू यादव से 22 जनवरी को अयोध्या जाने का सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जाएंगे। वहीं इके बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को निमंत्रण मिलने या न मिलने को भी खूब बवाल हुआ।

अखिलेश को लेकर खूब हुआ था विवाद 

एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने पत्रकार से ही कह दिया कि आप कुरियर के द्वारा भेजे गए निमंत्रण पत्र की रसीद दिखा दीजिये। हालांकि इसके बाद उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें निमंत्रण मिल गया और वह अयोधय जाएंगे, लेकिन 22 जनवरी को नहीं। उन्होंने ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा कि  वह 22 जनवरी के बाद सपरिवार रामलला के दर्शन करने जाएंगे। इसे बड़ा ही सेफ गेम कहा गया।

शरद यादव ने भी किया इनकार 

वहीं इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार का भी बयान आता है कि वह भी 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। हालांकि 22 जनवरी के बाद वह अयोध्या आएंगे और रामलाल के दर्शन लाभ लेंगे। वहीं सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक बना दिया गया है और इसलिए वह इसमें शामिल नहीं होंगे।  

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