Saturday, April 27, 2024
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पुलिस से बचने 1200 किमी. तक भागा विकास दुबे, 7 दिनों में इन 7 शहरों में ली पनाह

कानपुर के चौबेपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबे आखिरकार आज उज्जैन में पकड़ा गया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 09, 2020 14:07 IST
Vikas Dubey- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Vikas Dubey

कानपुर के चौबेपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबे आखिरकार आज उज्जैन में पकड़ा गया। जहां देश के दर्जन भर राज्यों की पुलिस इस दुर्दान्त अपराधी को तलाश रही थीं, वहीं ये मोस्ट वॉन्टेड 1200 किमी. तक भागता फिरा। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पिछले 7 दिनों ने विकास दुबे यूपी, हरियाणा, राजस्थान और एमपी के 7 शहरों में पनाह मांगता रहा। बता दें कि आज उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास दुबे को पकड़ लिया गया है। 

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पुलिस सूत्रों के अनुसार 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद विकास दुबे ने अगले तीन दिन कानपुर देहात में ही बिताए। इसके बाद पुलिस का शिकंजा कसते देख वह कानपुर से ग्वालियर भाग गया। वहां एक दिन बिताने के बाद वह फरीदाबाद आ गया। यहां उसने 2 दिन बिताए। लेकिन यहां भी शरण न मिलने के कारण वह भागकर राजस्थान के धौलपुर पहुंचा। यहां से वह ग्वालियर, गुना से देवास होते हुए वह उज्जैन पहुंचा। इस प्रकार 7 दिनों में वह 1200 किमी. भागता फिरा। 

"मैं हूं विकास दुबे कानपुर वाला"

विकास खुद आज उज्जैन में भीड़ भाड़ वाले महाकाल मंदिर पहुंचा और खुद के विकास दुबे होने का ऐलान किया। पुजारी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस विकास दुबे को लेकर जा रही थी तब भी वह चिल्ला रहा था कि मैं हूं विकास दुबे कानपुर वाला। वीडियो में दिख रहा है कि जब विकास दुबे यह चिल्ला रहा था, तब वहां मौजूद एक पुलिस वाले ने एक थप्पड़ भी जड़ दिया था। 

4 घंटे में 3 एन्काउंटर 

पिछले 24 घंटों में यूपी पुलिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) के तीन साथियों को ढेर कर चुकी है। बुधवार को यूपी पुलिस ने हमीरपुर में विकास के राइट हैंड अमर दुबे को ढेर किया था। वहीं आज देर रात इटावा में एक अन्य करीबी बउआ मिश्रा मारा गया है। साथ ही कल फरीदाबाद से गिरफ्तार किए गए प्रभात मिश्रा भी कानपुर के रास्ते पुलिस हिरासत से भागते हुए मारा गया। 

अपराध से है पुराना नाता 

विकास दुबे का अपराध जगत से गहरा नाता रहा है। राजनीति संरक्षण के कारण उसका अपराध फलता-फूलता रहा। अपने संरक्षण के लिए राजनीति का भी उसने चोला ओढ़ रखा था। इसके खिलाफ 60 अपराधिक मुकदमें दर्ज है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। 2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे हत्या मामले में भी विकास पर आरोप है। वहीं 2018 में अपने ही चचेरे भाई अनुराग पर विकास दुबे ने जानलेवा हमला करवाया था। इस दौरान भी विकास जेल में बंद था और वहीं से सारी साजिश रची थी। इस मामले में अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था।

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