Friday, March 29, 2024
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विवेक तिवारी हत्याकांड के पीछे डीजीपी ने पुलिसकर्मियों की इस कमी को बताया जिम्मेदार

डीजीपी ने ऐसी घटनाओं के लिये पेशेवर प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार करार देते हुए कहा कि 2013 से 2017 के बीच भर्ती किये गये सिपाहियों के लिये रीफ्रेशर कोर्स चलाने का निर्णय लिया गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 04, 2018 14:37 IST
विवेक तिवारी हत्याकांड के पीछे डीजीपी ने पुलिसकर्मियों की इस कमी को बताया जिम्मेदार- India TV Hindi
विवेक तिवारी हत्याकांड के पीछे डीजीपी ने पुलिसकर्मियों की इस कमी को बताया जिम्मेदार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने लखनऊ में एक कांस्टेबल द्वारा एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी के अधिकारी की गोली मारकर हत्या किये जाने के लिये पेशेवर प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार बताते हुए गुरुवार को कहा कि सूबे के सिपाहियों के लिये ‘रीफ्रेशर कोर्स’ चलाने का निर्णय लिया गया है। सिंह ने कहा, ‘‘बीते शनिवार को लखनऊ के गोमतीनगर में ‘एप्पल’ कम्पनी के अधिकारी विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी दोनों पुलिसकर्मी राज्य पुलिस के कोई ब्रांड एम्बेसडर नहीं हैं। हम ‘ट्रिगर हैप्पी’ नहीं बल्कि लोगों के मित्र हैं।’’

‘ट्रिगर हैप्पी’ से आशय मामूली उकसावे पर भी हिंसक प्रतिक्रिया करने और गोली चलाने से है। उन्होंने विवेक तिवारी हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘किसी निहत्थे को गोली मारने का क्या औचित्य है? आरोपी सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को गिरफ्तार और बर्खास्त किया जा चुका है। पुलिस बल में शामिल कुछ लोगों की ऐसी हरकत से पूरे महकमे की कार्य संस्कृति का अंदाजा नहीं लगाया जाना चाहिए।’’

डीजीपी ने ऐसी घटनाओं के लिये पेशेवर प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार करार देते हुए कहा कि 2013 से 2017 के बीच भर्ती किये गये सिपाहियों के लिये रीफ्रेशर कोर्स चलाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि रीफ्रेशर कोर्स आठ अक्टूबर को लखनऊ में शुरू होगा और इसे पूरे प्रदेश में चलाया जायेगा। इसमें सेवारत तथा सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी सिपाहियों से बात कर उनकी काउंसलिंग करेंगे। हमारी कोशिश होगी कि सिपाहियों को जनता के प्रति अपना व्यवहार ठीक करने का प्रशिक्षण दिया जाये।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में पुलिसकर्मियों को उचित प्रशिक्षण नहीं दिया गया। यह उस समय की सरकार की नाकामी थी। उस दौरान पुलिसकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण पेशेवर नहीं था और उनमें आम लोगों से कैसे बर्ताव करना चाहिए, इस पक्ष पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सिंह ने कहा कि वर्ष 2013 में भर्ती सिपाहियों को तीन चरण में प्रशिक्षण दिया गया था। पहले चरण में 20166, दूसरे चरण में 15814 और तीसरे चरण में 3798 सिपाहियों को प्रशिक्षित किया गया।

विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी सिपाहियों की मदद के लिये साथी पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर अभियान चलाने और चंदा एकत्र किये जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि हमने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखें। अफसरों से कहा गया है कि वे सिपाहियों को घटना की वास्तविकता से अवगत करायें। पिछले शनिवार को कथित रूप से गाड़ी नहीं रोकने पर कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने एप्पल कम्पनी के अधिकारी विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से प्रदेश की पुलिस कड़ी आलोचना का सामना कर रही है।

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