Saturday, April 27, 2024
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यूपी निकाय चुनाव: OBC आरक्षण के लिए योगी सरकार ने किया आयोग का गठन, 5 सदस्यों की टीम बनी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि बिना आरक्षण के चुनाव नहीं कराए जाएंगे। अब कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने निकाय चुनाव में आरक्षण देने को लेकर ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है।

Reported By : Vishal Pratap Singh Edited By : Malaika Imam Updated on: December 28, 2022 20:45 IST
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर यूपी सरकार ने आयोग का गठन किया है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि बिना आरक्षण के चुनाव नहीं कराए जाएंगे। अब कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने निकाय चुनाव में आरक्षण देने को लेकर ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है। 

पिछड़ा आयोग में 5 सदस्य होंगे। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) राम अवतार सिंह आयोग की अध्यक्षता करेंगे। आयोग में दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चोब सिंह वर्मा और महेंद्र कुमार हैं। इसके अलावा दो सेवानिवृत्त विधि अधिकारी संतोष कुमार विश्वकर्मा और बृजेश कुमार सोनी शामिल किए हैं। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 762 नगरीय निकायों में चुनाव होने थे। इन नगरीय निकायों का कार्यकाल 12 दिसंबर से 19 जनवरी 2023 के बीच खत्म होना है। इन निकायों में चुनाव के लिए सरकार ने ओबीसी कोटे का ड्राफ्ट भी जारी कर दिया था, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार आयोग गठित करके ट्रिपल टेस्ट के आधार पर OBC आरक्षण के साथ ही नगर निकाय चुनाव करवाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो सरकार कानूनी पहलुओं पर विचार करके इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगी। 

कोर्ट ने रद्द क्यों किया?

हाई कोर्ट ने यूपी सरकार के इस रिजर्वेशन ड्राफ्ट को रद्द कर दिया। कोर्ट का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय ट्रिपल टेस्ट न हो, तब तक आरक्षण नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि सरकार दोबारा एक डेडिकेटेड कमीशन बनाकर ट्रिपल टेस्ट का फॉर्मूला अपनाए और ओबीसी को आरक्षण दे।  कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने को कहा। साथ ही ये भी कहा कि अगर बिना ट्रिपल टेस्ट कराए चुनाव हो तो सभी सीटों को सामान्य यानी यानी अनारक्षित माना जाए।

क्या है ट्रिपल टेस्ट?

सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला लागू करने की बात कही है। इसके तहत ओबीसी का आरक्षण तय करने से पहले एक आयोग का गठन किया जाता है। इस आयोग का काम निकायों में राजनीतिक पिछड़ेपन का आकलन करना है। इसके बाद सीटों के लिए आरक्षण को प्रस्तावित किया जाता है। इसके बाद दूसरे चरण में स्थानीय निकायों में ओबीसी की संख्या का परीक्षण किया जाता है। तीसरे और आखिरी चरण में सरकार के स्तर पर इसका सत्यापन किया जाता है।

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