Friday, May 03, 2024
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सुन्दरकाण्ड में है हनुमान जी के भूले हुए बल को याद दिलाने का वर्णन

नई दिल्ली: मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए तमाम लोग मंगवार का वृत भी रखते हैं। साथ ही मान्यता ऐसी भी है कि अगर

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 25, 2015 9:21 IST
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मंगलवार को सुंदरकाण्ड के पाठ का बड़ा महत्व

नई दिल्ली: मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए तमाम लोग मंगवार का वृत भी रखते हैं। साथ ही मान्यता ऐसी भी है कि अगर मंगलवार को कोई व्यक्ति रामचरितमानस में लिखे सुंदरकाण्ड का पाठ करता है तो इसका विशेष महत्व होता है। हनुमान जी स्वयं शंकर जी का ही  अवतार हैं कहा गया है। हनुमान चालिसा में भी इसका प्रमाण मिलता है। ‘शंकर सुवन केसरी नन्दन’।

रामचरितमानस में किस समय का वर्णन है सुन्दरकाण्ड में

सुन्दर काण्ड की शुरुआत हनुमान जी के भूले हुए बल को याद दिलाने, लंका में प्रवेश करने और सीता मां का पता लगाने का वर्णन है।

बचपन से ही हनुमान जी के पास थी आपार शक्तियां

हनुमान जी के बल की कोई थाह नही है यह बचपन से ही बहुत अधिक बलशाली थे खेल खेल में ही ऐसे कार्य देते थे कि जिससे देवता ऋर्षि मुनि बहुत परेशान हो जाते थे। एक बार उनहोने सूर्य को देखकर कहा माँ मुझे यह फल बहुत पसन्द है मुझे तो यही चाहिए माँ के बहुत समझाने पर भी नही माने और उनहोने सूर्य को अपने मुख में रख लिया। इसके बाद तीनों लोकों में अन्धकार हो गया तब देवताओं नें मिलकर स्तुति की तब उन्होने सूर्य को छोडा। बाल समय रवि भक्ष लियो तब तीनों लोक भयो अँधियारो। उनकी चंचलता और चपलता को देखते हुए ऋषि अंगिरा ने इनको श्राप दिया कि तुम अपने बल को भूल जाओगे जब तुम्हे कोई बल याद दिलायेगा तब तुमको अपना बल याद आयेगा। तब जामवंत ने उनको बल का स्मरण कराया जिसका जिक्र किष्किन्धाकाण्ड के अंतिम दोहे में है।

अगली स्लाइड में पढ़िए कौन-से दोहे में था वर्णन

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