Wednesday, May 22, 2024
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सुन्दरकाण्ड में है हनुमान जी के भूले हुए बल को याद दिलाने का वर्णन

नई दिल्ली: मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए तमाम लोग मंगवार का वृत भी रखते हैं। साथ ही मान्यता ऐसी भी है कि अगर

India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 25, 2015 9:21 IST

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कहइ रीछपति सुनु हनुमाना। का चुप साधि रहयो बलवाना।।                 

 पवन तनय बल पवन समाना। बुधि विवेक विष्यान निधाना।।                           

कवन सो काज कठिन जगमाही। जो नहि होइ तात तुम्हपाही।।                                

राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहि भयउ पर्वता कारा।।

अर्थात- जामवंत ने कहा,  कि हे हनुमान जी सुनो। तुम कैसे चुप चाप बैठे हो। तुम तो पवन के समान चलने वाले हो पवन पुत्र हो तुम्हारे पास तो बुद्धी, विवेक, और विज्ञान की खान है। जगत में ऐसा कौन सा कार्य है जिसे तुम नही कर सकते और फिर तुम्हारा तो जन्म ही भगवान श्री राम के कार्य हेतु हुआ है। उसी समय उनको अपने बल का स्मरण हो गया और वह सुनते ही अत्यन्त विशाल आकार के हो गये और भयंकर गर्जना करने लगे।

मंगलवार और शनिवार को सुन्दरकाण्ड के पाठ का विशेष महत्व

ऐसे तो भगवान का नाम लेने के लिये कोई समय प्रतिवंधित नहीं होता सोते जागते किसी भी समय प्रभू का स्मरण किया जा सकता है परन्तु मंगलवार और शनिवार सुन्दरकाण्ड के पाठ के लिये अति उत्तम है। 

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