Thursday, May 02, 2024
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कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचना है भूलकर भी न करें इस चीज का यूज

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के लीड ऑर्थर प्रोफेसर अशोक वेंकिटरमन का कहना है कि हम जानते हैं कि एल्डीहाइड अच्छा नहीं है और इसका सीधा संबंध कैंसर से होता है, लेकिन हम ये भी नहीं जानते कि डीएनए को प्रोटेक्ट करने वाले सेल्स के प्रोटीन को अगर ये डैमेज करता है, त

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 19, 2017 13:40 IST

shampoo

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शोधकर्ताओं का कहना है कि हम नहीं जानते कि हम सांस के जरिए कितने कैमिकल्स‍ अंदर ले रहे हैं और ये कितनी देर तक वातावरण में मौजूद रहते हैं। लेकिन ये तय है कि एल्डीहाइड हर जगह मौजूद होता है। यहां तक की यह कैमिकल वातावरण में भी मौजूद होता है।

इस गैस का सीधा संबंध होता है नाम और गले से
रिसर्च में पाया गया कि नाक और गले का कैंसर का सीधा संबंध फोरमैल्डीहाइड गैस से होता है। इस कलरलैस स्ट्रांग स्मैलिंग गैस का इस्तेमाल एम्बामिंग के लिए होता है। जर्नल सैल में पब्लिश हुई रिसर्च के मुताबिक, कैमिकल्स डिफेंस मकैनिज़्म को ब्रेक कर देते हैं। इसकी वजह से डीएनए को रिपेयर करने वाले हेल्दी सेल्स डिवाइड हो जाते हैं।  एल्डीहाइड BRCA2 प्रोटीन सेल्स की कमी के कारण होता है जो कि इन्हें बहुत कमजोर बना देता है। ऐसे में फॉल्टी जीन होने के कारण बेस्ट, ओवरियरन, प्रोस्टेट और पैंक्रियाटिक जैसे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हो सकें तो शैंपू का इस्तेमाल कम से कम करें।

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