Friday, May 17, 2024
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मेनोपॉज़ के समय बरते ये सावधानी, हो सकता है खतरनाक

सेहतमंद खानपान और अच्छी नींद इसका सबसे बेहतर हल है। गंभीर मामलों में गोली, स्किन पैच, जैल या क्रीम के रूप में एस्ट्रोजिन थैरेपी से इलाज किया जाता है। आम तौर पर पेरीमेनोपॉजल और मेनूपॉजल हॉट फ्लैशेस और रात को आने वाले पसीने के इलाज के लिए...

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: February 14, 2017 15:41 IST
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नई दिल्ली: मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) की शुरुआत या पेरीमीनोपॉज अनियमित पीरियड्स और अंतिम पीरियड्स के बीच की अवधि होती है। इस दौरान जनन प्रक्रिया के आवश्यक हार्मोन में बदलाव होते हैं, जिससे पीरियड्स में अनियमितता, प्रजनन क्षमता में कमी, वसोमोटर के लक्षण एवं अनिद्रा जैसी समस्या हो सकती है।

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एक शोध में पेरीमीनोपॉज सिंड्रोम और मूड डिसआर्डर की गंभीरता से गुजर रही महिलाओं पर पड़ने वाले प्रभाव और खतरों का अध्ययन किया गया है। इन दोनों से उम्र, कब्ज, मेनुस्ट्रेशन, व्यक्तित्व की खासियतें और कामकाजी स्तर बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए इस हालात को गंभीरता से संभालना आवश्यक होता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने इस बारे में कहा, "पेरीमीनोपॉज़ के लक्षण हर किसी में अलग होते हैं, जिनमें अनियिमित अत्यधिक रक्तस्राव, अनिद्रा, रात को पसीना आना, खराब पीएमएस, माइग्रेन, वेजीनल ड्राइनेस और पेट का मोटापा बढ़ना आदि समस्याएं होती हैं। इसके अलावा महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में भी बदलाव आते हैं।"

उन्होंने कहा, "हार्मोन में बदलाव से बेचैनी, अवसाद, चिड़चिड़ापन और तेजी से मूड बदलने जैसे लक्षण हो सकते हैं। कई महिलाओं को सीने में दर्द या धुड़की लगना आदि समस्याएं होती हैं। ऐसा लगातार होने पर डॉक्टर से राय लेना आवश्यक होता है।"

डॉ. अग्रवाल कहते हैं, "सेहतमंद खानपान और अच्छी नींद इसका सबसे बेहतर हल है। गंभीर मामलों में गोली, स्किन पैच, जैल या क्रीम के रूप में एस्ट्रोजिन थैरेपी से इलाज किया जाता है। आम तौर पर पेरीमेनोपॉजल और मेनूपॉजल हॉट फ्लैशेस और रात को आने वाले पसीने के इलाज के लिए इनका प्रयोग किया जाता है। उचित तरीके से हड्डियों के नुकसान को रोकने में एस्ट्रोजन मदद करता है।"

उन्होंने बताया कि योग और सांस की क्रियाएं कम खतरे वाले इलाज हैं, जो इन स्थितियों में तनाव घटाते हैं और इस बीमारी को रोकने में मदद करते हैं। इन स्थितियों में हर्बल और डाईट्री सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।"

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