प्रीति बचपन में ठीक थी लेकिन आठ साल के बाद उसकी रीढ़ की हड्डी मुड़ने लगी।
अपनी बेटी की ये हालत देखकर पिता दिलीप राय और मां मीना पर तो दुख का पहाड़ टूट पड़ा क्योंकि वे पहले ही चार बच्चे खो चुके थे।
41 साल के दिलीप वेल्डर हैदस हज़ार रुपया महीना कमाते हैं। उन्होंने बताया कि वे कई डॉक्टरों के पास गये थे लेकिन सब ने मना कर दिया।
मां मीना ने कहा, ‘हम प्रीति से बहुत प्यार करते हैं। उसे पूरा भरोसा था कि एक दिन कोई न कोई डॉक्टर ज़रुर मिलेगा जो उसका इलाज करेगा।’
प्रीति को अपना बचपन याद है जब वह दूसरे बच्चों की तरह दौड़ भाग सकती थी औक सीधे बैठ सकती थी। 'मैं फिर वैसे ही जानी चाहती हूं और इसके लिये मैं कुछ भी करने को तैयार हूं।’
प्रीति ने कहा कि लोग मुझसे बात नहीं करते क्योंकि मेरी हालत देखकर अजीब लगता है। मैं नहीं चाहती कि आगे भी मैं इसी तरह रहूं।
प्रीति अपनी पढ़ाई के कॉल सेंटर और मार्किटिंग सेंटर में काम करती रही है। उसका एक ही मक़सद है और वो ये कि ठीक होकर सम्मानजनक जीवन जीना।
2012 में प्रीति की मुलाक़ात अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. राधा गोपाल कृष्णन से हुई थी जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनकी ज़िंदगी बेहतर हो सकती है।
डॉ. कृष्णन ने बताया: ‘मैंने प्रीति को एक अस्पताल में देखा था जहां मैं तेक्चर देने गया था। उसका ग़लत इलाज चल रहा था इसलिये मैंने उसे अपने अस्पताल आने को कहा।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उसके साथ लापरवाही की है। अगर उसकी बचपन में सर्जरी हो जाती तो वह एकदम ठीक हो सकती थी। लेकिन बड़े-बड़े नामी संस्थानों ने लापरवाही की। किसी भी डॉक्टर ने उसकी ठीक से जांच करके इलाज करने की ज़हमत नही उठाई।
डॉ. कृष्णन ने कहा, ‘मैं उसे पूरी तरह तो ठीक नहीं कर सकता लेकिन कुछ हद तक तो इस समस्या को ठीक कर ही सकता हूं। ये बहुत बड़ा ऑपरेशन होगा जिसमें जोख़िम भी है।’