Friday, March 29, 2024
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भूलकर भी इस रंग के फ्रेम का न खरीदे दर्पण, होगा नुकसान ही नुकसान

अधिकतर लोग जब दर्पण या शीशा खरीदने जाते हैं, तो केवल उसकी बनावट या रंग-रूप पर ध्यान देते हैं। हम ये नहीं कह रहे हैं कि इन चीज़ों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, लेकिन साथ ही कुछ अन्य बातों का भी ख्याल रखना चाहिए।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: October 06, 2018 12:52 IST
Mirror- India TV Hindi
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धर्म डेस्क: अधिकतर लोग जब दर्पण या शीशा खरीदने जाते हैं, तो केवल उसकी बनावट या रंग-रूप पर ध्यान देते हैं। हम ये नहीं कह रहे हैं कि इन चीज़ों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, लेकिन साथ ही कुछ अन्य बातों का भी ख्याल रखना चाहिए।

दर्पण खरीदते समय एक तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शीशे के कोने नुकीले या चुभने वाले नहीं होने चाहिए। साथ ही शीशा अपने फ्रेम से बहुत अधिक उभरा हुआ या दबा हुआ नहीं होना चाहिए। साथ ही उसमें अपना चेहरा देखने पर, चेहरा धुंधला, तिरछा या सामान्य से अधिक लंबा या छोटा नहीं दिखना चाहिए। ऐसे दर्पण या शीशे आपकी प्रतिभा को हानि पहुंचाते हैं और निगेटिव ऊर्जा का प्रवाह करते हैं। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से किस तरह के फ्रेम का दर्णण खरीदना होगा शुभ। (Navratri 2018: नवरात्रि में ऐसे करें कलश स्थापना, साथ ही जानें मां शैलपुत्री की पूजा विधि )

इस रंग के फ्रेम का खरीदे शीशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार ध्यान रहे कि दर्पण या शीशे का फ्रेम बहुत अधिक भड़कीला या चटकीले रंग का नहीं होना चाहिए। ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। अधिक गहरे रंगों की बजाये हल्के और सौम्य रंगों का प्रयोग करना चाहिए। आप व्हाइट, क्रीम, आसमानी, हल्के नीले, हल्के हरे, ब्राउन आदि रंगों का शीशे के फ्रेम के लिये चुनाव कर सकते हैं। (अक्टूबर माह में पड़ेंगे नवरात्रि, दशहरा और करवा चौथ जैसे बड़े त्योहार, देखें पूरी लिस्ट )

घर में दर्पण को हमेशा ढक्कर रखना चाहिए। बहुत से लोग दर्पण को अलमारी के अंदर भी बनवा लेते हैं, जो कि वास्तु की दृष्टि में भी ठीक है। इससे दर्पण पर किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ता और घर का माहौल ठीक रहता है।

फ्लैट या बहुमंजिला मकान के मुख्य दरवाजे में ऐसे लगाएं शीशा
आजकल बहुमंजिला मकान या फ्लैट के जमाने में बहुत से लोगों के घर का मुख्य दरवाजा ठीक सीढ़ियों या लिफ्ट के सामने होता है, जो कि वास्तु शास्त्र की दृष्टि से बिल्कुल ठीक नहीं है। इससे वास्तु दोषों में बढ़ोतरी होती है। आप एक बार फिर से समझ लीजिये अगर आपके घर का मुख्य दरवाजा आखिरी सीढी से सेम लेवल पर हो या समान तल पर हो, तो उससे वास्तु दोष लगता है। इससे उस घर के सदस्य को अपनी मेहनत के अनुसार फल नहीं मिल पाता और आपके सुख-साधनों में भी कमी आती है।

ऐसे में वास्तु दोष से बचने के लिये और अपनी स्थिति को ठीक रखने के लिये मुख्य दरवाजे के ऊपर एक अष्टकोणीय, यानी आठ कोनों वाला दर्पण लगवाइये। इसे पाक्वा मिरर के नाम से भी जाना जाता है। इसे दरवाजे के ऊपर लगाने से सीढ़ियां ऊपर उठी हुई दिखाई देगी और दरवाजा सीढ़ियों से एक समान लेवल पर नजर नहीं आयेगा। साथ ही इससे आपको धन लाभ भी होगा।

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