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भूलकर भी ऐसी भूमि पर न बनाएं अपने सपनों का घर, पड़ेगा भाग्य पर अशुभ फल

अगर आप मकान बनाने के लिये कोई जमीन देख रहे हैं तो भूमि खरीदते समय उसकी दशा-दिशा, आकार जानना बेहद जरूरी है। जानिए इस बारें में आचार्य इंदु प्रकाश से।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : Aug 17, 2018 01:18 pm IST, Updated : Aug 17, 2018 01:19 pm IST
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धर्म डेस्क: अगर आप मकान बनाने के लिये कोई जमीन देख रहे हैं तो भूमि खरीदते समय उसकी दशा-दिशा, आकार जानना बेहद जरूरी है। सही आकार में चुनी गई भूमि जहां लाभकारी होती है, वहीं भूमि का एक गलत चुनाव आपके सारे काम बिगाड़ सकता है। जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार घर बनाने के लिए कैसी भूमि, जगह है सबसे अच्छी। जानिए इस बारें में आचार्य इंदु प्रकाश से।

ऐसी भूमि खरीदे

जिस भूमि का आकार चौकोर हो, हाथी के समान फैला हो, गोल हो, भद्रपीठ, यानी जिसकी लम्बाई-चौड़ाई समान व मध्य भाग समतल हो, जो शिवलिंग के समान आकृति की हो और जिसमें कुम्भ, यानी घड़ा आदि दबा मिले, ऐसी भूमि बेहद शुभ होती है। साथ ही सभी के लिये समतल भूमि शुभ मानी जाती है।

ऐसी भूमि न खरीदे
ऐसी भूमि के बारे में, जिसका मकान बनाने के लिए बिल्कुल भी चुनाव नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसी भूमि की आकृतियां भी होती हैं, जो मकान के लिये अशुभता लाने वाली होती हैं। त्रिकोणाकार, यानी त्रिकोण के आकार की, जिसके तीन कोने हो, गाडी के आकार की, यानी शकटाकार, बीजने, यानी हाथ के पंखे की आकृति के समान या जहां जाना मुश्किल हो, ऐसी भूमि को नहीं खरीदना चाहिए। साथ ही जो भूमि नदी के कटाव के पास हो और वहां बड़े-बड़े पत्थर आदि हो या फिर टेढ़ी-मेढ़ी भूमि, यानी जिसकी कोई आकृति ही न हो, ऐसी भूमि त्याज्य है। मकान के लिये ऐसी भूमि का चुनाव कभी नहीं करना चाहिए। साथ ही जहां चौराहा पड़ रहा हो या जहां आस-पास शमशान भूमि हो, ऐसी भूमि को खरीदने से बचना चाहिए। (Atal Bihari Vajpayee Poems: 'गीत नहीं गाता हूं बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं', पढ़ें ऐसी ही कुछ कविताएं )

मकान बनाने का फल
अलग-अलग आकार की भूमियों का अलग-अलग फल होता है। आकार में चौकोर और हाथी के समान फैली हुई, वृत्ताकार, घड़े की आकार की और भद्रपीठ युक्त भूमि, यानी जिसकी लम्बाई-चौड़ाई समान व मध्य भाग समतल हो, वह धन-धान्य देने वाली होती है। उससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है और घर खुशहाल रहता है। साथ ही अगर भूमि शिवलिंग के आकार की हो तो यह साधुओं के लिये श्रेष्ठ होती है। अगर ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व की भूमि अन्य दिशा की अपेक्षा निचाई में हो तो वह संतान सुख देने वाली और धन लाभ कराने वाली होती है। (सावन में शिवलिंग कभी भी न चढ़ाएं ये 5 चीजे, होगा आपका अनिष्ट)

वास्तु शास्त्र के अनुसार त्रिकोणाकार, यानी त्रिकोण के आकार की भूमि पुत्र की हानि कराने वाली होती है, गाडी के आकार की, यानी शकटाकार भूमि सुख की हानि कराने वाली होती है, बीजने, यानी हाथ के पंखे के समान भूमि धर्म की हानि कराती है। जबकि मृदंगाकार, यानी मृदंग के आकार की और बांस की आकृति के समान भूमि वंश की हानि कराने वाली होती है। वहीं आकार में टेढ़ी-मेढ़ी भूमि मंद बुद्धि या निरक्षरता को जन्म देती है। इसके अलावा जिस भूमि में गड्ढा हो, वह झूठ को जन्म देती है। गड्ढे में घर का निर्माण करने से परिवार के सदस्यों को अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही चौराहे पर घर बनाने से यश-कीर्ति का नाश होता है।

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