Saturday, April 20, 2024
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Mawlynnong Village of Meghalaya: भारत के इस गांव को कहा जाता है भगवान का बगीचा, इस खासियत के कारण मिला दर्जा

Mawlynnong Village of Meghalaya: भारत में लाखों गांव हैं लेकिन कुछ गांव ऐसे हैं जो अलग-अलग खूबियों के कारण विश्व प्रसिद्ध हैं। मेघालय का मावल्यान्नॉंग गांव सफाई और खूबसूरती के लिए एशिया में प्रसिद्ध है। मावल्यान्नॉंग को भगवान का बगीचा कहा जाता है।

Sushma Kumari Edited By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Published on: October 14, 2022 16:54 IST
Mawlynnong village of Meghalaya- India TV Hindi
Image Source : SOURCED Mawlynnong village of Meghalaya

Mawlynnong Village of Meghalaya:  हरी भरी धरती, लहलहाती फसल, पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली, अपराध मुक्त समाज और उच्च साक्षरता दर यदि किसी गांव में मिल जाए तो कोई क्यों न वहां के वासी होना चाहे। मेघालय के मावल्यान्नांग गांव में आने वाले अधिकतर पर्यटक इसी उम्मीद में रहते हैं कि किसी तरह इस गांव की वासी हो जाएं। इस गांव को युनेस्को ने भी सराहा है। यह गांव हमेशा साफ सुथरा रहता है। साफ सफाई में इस गांव के सभी ग्रामीण डटे रहते हैं। पढ़े लिखे लोगों से परिपूर्ण यह गांव कई सारी खासियत के लिए सुर्खियां बटोरती रहती है। यहां पेड़ के जड़ों से बना विश्व का अजूबा पुल है। बैलेंसिंग रॉक्स, अनेकों दिलचस्प झरना, साफ नदी और आसपास घास का मखमल सा मैदान मानो भगवान का वरदान हो। इस गांव की चमक में स्वर्ग सा महसूस होता है।

मावल्यान्नांग को 2003 में एशिया का सबसे साफ गांव का खिताब मिल चुका है। साल 2005 में इसे भारत का सबसे साफ सुथरा गांव घोषित किया गया। इस गांव के प्राकृतिक पुल को युनेस्को ने विश्व विरासत का दर्जा दिया है। यहां की साक्षरता दर 100 प्रतिशत है यानी यहां कोई भी निरक्षर नहीं है इसी का नतीजा है कि यहां सभी जागरूक हैं। यहां के ग्रामीणों के संस्कार और आतिथ्य के दीवाने विदेशी पर्यटक भी हैं। इस गांव की भाषा अंग्रेजी है।

मावल्यान्नॉंग गांव भगवान का बगीचा क्यों?

  1. यहां पर प्रकृति और इंसान को एक-दूसरे के लिए दोस्त समान व्यवहार करते हुए महसूस किया जा सकता है। प्रकृति के प्रति ग्रामीण सम्मान की भाव रखते हैं। प्रकृति के साथ रत्तीभर भी छेड़छाड़ नहीं करते हैं। प्रकृति की गोद में बसा यह गांव सामान्य गांव से बिल्कुल अलग और अजूबा लगता है। 
  2. साफ सफाई का खूब ख्याल रखा जाता है। प्लास्टिक का उपयोग यहां नहीं किया जाता है। कोशिश रहती है कि प्रकृति के साथ क़दम मिलाकर चला जाए।
  3. यहां के लोग महिलाओं का सम्मान करते हैं। इस गांव में खासी जनजाति रहती है। ये लोग अपने संतान के नाम में माता का सरनेम इस्तेमाल करते हैं। कहा भी जाता है- जहां स्त्रियों का सम्मान होता है वहां भगवान वास करते हैं। 
  4. यह गांव अपराध मुक्त है। पर्यटकों के साथ कोई भी गलत व्यवहार यहां नहीं किए जाते हैं। यानी यहां के लोग अनुशासन प्रिय हैं।

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