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पत्नी भरण पोषण के लिए मांग रही थी पैसे, पति कोर्ट में बोला- मैं तो किन्नर हूं

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जब एक महिला ने अपने पति से भरण-पोषण लेने के लिए अदालत का रुख किया तो उसके पति ने हैरान करने वाला खुलासा किया। अदालत में पति ने बताया कि वह तो किन्नर है और महिला को अपनी पत्नी मानने से इनकार कर दिया।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Mar 11, 2024 20:21 IST, Updated : Mar 11, 2024 20:21 IST
court - India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में हैरान करने वाला मामला

मध्य प्रदेश के ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में सुनवाई के दौरान एक हैरान कर देने बाला मामला सामने आया। ये मामाला एक महिला और किन्नर से जुड़ा है, जिसमें महिला ने अदालत में केस दायर किया था कि उसका पति उसे भरण पोषण के लिए पैसे नहीं देता है। लेकिन कोर्ट में जब इस मामले की सुनवाई हुई तो महिला के पति ने उस महिला को अपनी पत्नी मानने से ही साफ मना कर दिया। पति ने तर्क भी ऐसा दिया कि सुनकर सब दंग रह गए। उसने अदालत में कहा कि वह तो किन्नर है, भला वह शादी कैसे कर सकता है?

1985 में शादी, नौकरी के बहाने आगरा शिफ्ट हुआ

बता दें कि एक महिला ने कुटुंब न्यायालय में एक परिवाद पेश किया था, जिसमें महिला ने कहा था कि उसकी शादी 10 मार्च 1985 को हुई थी। उस समय उसका पति एक सोने-चांदी की दुकान पर काम करता था। साल 1990 तक दोनों उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के पैतृक मकान में साथ रहे। बाद में परिजनों से अनबन हुई तो वह दोनों आगरा शहर के लोहामंडी में किराए के मकान में रहने लगे। उसके बाद दोनों लोग ग्वालियर आ गए और यहीं रहने लगे। महिला का कहना है कि कुछ समय बाद पति ने उससे कहा कि उसको आगरा में अच्छी नौकरी मिल रही है। वह वहां अकेले ही रहकर काम करेगा और बीच-बीच में वह उसके पास आता जाता रहेगा। साथ ही वह हर महीने 15 हजार रुपये भी उसको देगा। जिसके बाद वह आगरा चला गया। 

आगरा में किन्नरों के साथ रहने लगा पति

अदालत में महिला ने बताया कि पति के आगरा शिफ्ट होने के बाद उसने कई महीनों का इंतजार किया। लेकिन ना तो उसका पति आया और न ही उसने रुपये भेजे। इसके बाद महिला ने आगरा में जब पति को खोजने की शुरुआत की तो पता लगा कि उसके पति ने तो किन्नरों के साथ रहना शुरू कर दिया है। इसके बाद महिला ने 9 दिसंबर 2015 को ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण के लिये आवेदन दिया। लेकिन इस केस की सुनवाई के दौरान पति ने कोर्ट में कहा कि वह तो किन्नर है, भला मैं शादी कैसे कर सकता हूं। अदालत में उसने किन्नरों के साथ के अपने फोटो भी पेश किए। 

कोर्ट ने किन्नर के पक्ष में सुनाया फैसला

सुनवाई के दौरान महिला की एक रिश्तेदार ने गवाही भी दी कि वह दोनों की शादी के समय मौजूद रही थी। हालांकि कोर्ट में वह विवाह संबंधी दस्तावेज पेश नहीं कर सकी, लेकिन आधार कार्ड पर पति में उसका नाम जरूर था। लेकिन कोर्ट में किन्नर ने अपना नाम अलग ही बताया। हालांकि सुनवाई के बाद न्यायालय ने फैसला किन्नर के पक्ष में ही दिया। उसने महिला द्वारा पेश 15 हजार रुपये प्रतिमाह का भरण पोषण देने का आवेदन निरस्त कर दिया।

(रिपोर्टर- भूपेन्द्र भादौरिया) 

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