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समृद्धि एक्सप्रेसवे पर नहीं लगेगा टोल टैक्स, बस करना होगा यह काम, महाराष्ट्र सरकार ने बनाई नई पॉलिसी

महाराष्ट्र सरकार ने तय किया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल टैक्स में छूट दी जाएगी। इसके साथ ही नए घरों में वाहन चार्जिंग की सुविधा होना भी जरूरी होगा।

Edited By: Shakti Singh
Published : May 25, 2025 11:02 pm IST, Updated : May 25, 2025 11:02 pm IST
representative image- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद बढ़ाने के लिए नई ईवी पॉलिसी बनाई है। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को समृद्धि एक्सप्रेसवे और अन्य जगहों पर भी टोल टैक्स नहीं देना होगा। इस नीति का लक्ष्य 2030 तक राज्य में ईवी की संख्या 30 प्रतिशत तक पहुंचाना है। कहा गया है कि नए आवासीय भवनों में ईवी चार्जिंग की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और इन पर्यावरण-अनुकूल वाहनों के लिए टोल छूट जैसे प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाने चाहिए।

परिवहन विभाग ने शुक्रवार को एक सरकारी प्रस्ताव जारी किया, जिसमें नई नीति की घोषणा की गई, जो 1 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2030 तक प्रभावी रहेगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसका उद्देश्य प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचे के विस्तार और विनिर्माण समर्थन के माध्यम से महाराष्ट्र को भारत में ईवी के लिए एक अग्रणी केंद्र बनाना है। जीआर ने कहा कि इस नीति को लागू करके, राज्य 2030 तक परिवहन क्षेत्र से 325 टन पीएम 2.5 उत्सर्जन और 1000 टन ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को रोकना चाहता है।

इलेक्ट्रिक कार में 2 लाख तक की छूट

नई पॉलिसी में परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए 2 लाख रुपये और इलेक्ट्रिक बसों के लिए 20 लाख रुपये तक के प्रोत्साहन का प्रस्ताव है। एक लाख ईवी दो पहिया वाहन, 25,000 परिवहन श्रेणी के ईवी चार पहिया वाहन और 1500 ईवी निजी और साथ ही सिटी बसों को ये प्रोत्साहन मिलेंगे। इसमें नीति अवधि के दौरान पंजीकृत ईवी के लिए मोटर वाहन कर और पंजीकरण नवीनीकरण शुल्क से पूरी छूट भी दी गई है। जीआर में कहा गया है कि ईवी को मुंबई-पुणे और मुंबई-नासिक एक्सप्रेसवे पर टोल से 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। 

संचालन समिति लेगी फैसले

मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक संचालन समिति लोक निर्माण विभाग के अधिकार क्षेत्र के तहत शेष सड़कों पर ईवी को चरणबद्ध तरीके से कर छूट देने के बारे में भी निर्णय लेगी। राजमार्गों के किनारे 25 किलोमीटर के अंतराल पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक सरकारी कार्यालय पार्किंग स्थल पर कम से कम एक ईवी चार्जिंग स्टेशन हो। साथ ही, सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को सेटअप लागत का 15 प्रतिशत तक व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण प्राप्त होगा। सभी नए आवासीय भवनों को 100 प्रतिशत ईवी चार्जिंग के लिए तैयार होना चाहिए, जिसमें कम से कम एक सामुदायिक चार्जिंग पॉइंट हो।

पार्किंग में भी ईवी को बढ़ावा

नई नीति के अनुसार, नए वाणिज्यिक भवनों में ईवी चार्जिंग के लिए 50 प्रतिशत पार्किंग स्थान निर्धारित होना चाहिए, जबकि साझा पार्किंग वाले मौजूदा वाणिज्यिक भवनों में 20 प्रतिशत स्थान पर चालू चार्जर होने चाहिए। नीति में यह भी कहा गया है कि सरकारी विभागों द्वारा शहर की यात्रा के लिए खरीदे गए सभी नए वाहन इलेक्ट्रिक होने चाहिए। मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर और अमरावती जैसे शहरों में, शहर के उपयोगिता वाहनों की खरीद का 50 प्रतिशत इलेक्ट्रिक होना चाहिए।

ईवी से जुड़ी पढ़ाई भी होगी

राज्य वैकल्पिक बैटरी रसायन विज्ञान, मोटर प्रौद्योगिकी, वाहन-से-ग्रिड एकीकरण और हरित हाइड्रोजन उत्पादन में अनुसंधान और विकास का भी समर्थन करेगा। नीति के अनुसार, ऐसी पहलों को निधि देने के लिए मुख्यमंत्री के ईवी अनुसंधान एवं विकास अनुदान के तहत 15 करोड़ रुपये का कोष बनाया जाएगा। परिवहन विभाग बैटरी के लिए थर्मल रनवे परीक्षण सहित मानकीकृत सुरक्षा आकलन करने के लिए ईवी के लिए स्वचालित परीक्षण स्टेशनों का एक नेटवर्क स्थापित करेगा। नीति में यह प्रावधान है कि महाराष्ट्र राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड (एमएसबीटीई) ईवी डिजाइन, बैटरी प्रौद्योगिकी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा प्रबंधन में विशेष पाठ्यक्रम शुरू करेगा। (इनपुट- पीटीआई)

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