Saturday, April 27, 2024
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'आपके मम्मी-पापा मुझे वोट न दें, तो 2 दिन तक खाना मत खाना', शिवसेना विधायक ने स्कूली बच्चों से कहा

बता दें कि संतोष बांगर अपने बयानों के कारण पहली बार विवाद में नहीं आए हैं। पिछले महीने उन्होंने कसम खाई थी कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के चुनावों में दोबारा नहीं चुने गए तो वह सार्वजनिक रूप से फांसी लगा लेंगे। अगस्त 2021 में बांगर ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के घर में घुसकर उन पर हमला करने की धमकी दी थी।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: February 10, 2024 17:56 IST
santosh bangar- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO शिंदे गुट के विधायक संतोष बांगर

हिंगोली (महाराष्ट्र): कलामनुरी निर्वाचन क्षेत्र से मनमौजी शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संतोष एल. बांगर ने अक्टूबर 2024 के आसपास होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए समय पूर्व अभियान के दौरान एक बार फिर सत्तारूढ़ महायुति सरकार को शर्मसार किया है। खुद बीच में ही स्कूल की पढ़ाई छोड़ देने वाले 43 वर्षीय बांगर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लख गांव में एक प्राथमिक विद्यालय के 10 साल से कम उम्र के लगभग 50 छात्रों की एक बैठक को 'संबोधित' किया।

बच्चों से ऊंचे स्वर में 3 बार अपना नाम 'संतोष बांगर' बुलवाया

उन्होंने स्कूली बच्चों के सामने एक अजीब भाषण दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। उन्होंने बच्चों से कहा कि अगर उनके माता-पिता अगले चुनाव में उन्हें (बांगर को) वोट नहीं देते हैं तो वे दो दिन तक खाना न खाएं। बांगर को बच्चों से लगभग कठोर स्वर में कहते सुना गया, "यदि आपके माता-पिता आपसे पूछते हैं कि आप खाना क्यों नहीं खा रहे हैं, तो उन्हें बताएं कि भूख अनशन तोड़ने से पहले उन्हें 'संतोष बांगर' के लिए वोट करना होगा।" उन्होंने छोटे-छोटे संकोची बच्चों से ऊंचे समवेत स्वर में कम से कम तीन बार अपना नाम 'संतोष बांगर' बुलवाया, यहां तक कि आसपास खड़े उनके समर्थकों और कुछ स्कूल शिक्षकों को अपनी हंसी रोकनी पड़ी।

MVA के नेताओं ने किया विवाद

बांगर की हरकतों पर तुरंत ही विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं ने विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने वोट हासिल करने के लिए छोटे बच्चों का 'शोषण' करने के लिए बांगड़ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने सत्तारूढ़ विधायक की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने बच्चों को उकसाया कि अगर उनके माता-पिता उन्हें (बांगर) को वोट नहीं देते हैं तो वे कुछ दिनों के लिए खाना न खाएं। नाराज वडेट्टीवार ने कहा, "भारतीय चुनाव आयोग के राजनीतिक प्रचार या किसी भी चुनाव संबंधी कार्यों के लिए बच्चों का उपयोग न करने के आदेश के बावजूद सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक प्रचार के लिए एक स्कूल में जाकर ऐसा कर रहे हैं।"

उन्होंने जानना चाहा कि क्या राज्य के शिक्षा मंत्री 'सो रहे हैं' और क्या चुनाव आयोग स्पष्ट करेगा कि क्या यह सही है और क्या वह चुनाव नियमों का खुलेआम उल्लंघन करने के लिए बांगड़ के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

नारायण राणे को घर में घुसकर उन पर हमला करने की दी थी धमकी

बता दें कि बांगर अपने बयानों के कारण पहली बार विवाद में नहीं आए हैं। हाल के दिनों में उन्होंने ऐसी कई गलतियां की हैं। जून 2022 में शिवसेना में विभाजन के दौरान, उन्होंने तत्कालीन एमवीए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रति निष्ठा की घोषणा की थी, लेकिन बमुश्किल एक दिन बाद घोषणा की कि उनकी वफादारी विद्रोही नेता एकनाथ शिंदे के चरणों में है, जो बाद में नए मुख्यमंत्री बने। अगस्त 2021 में बांगर ने एक बार केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के घर में घुसकर उन पर हमला करने की धमकी देते हुए कहा था- "मुझमें तुम्हें सबक सिखाने की हिम्मत है"। बाद में अगस्त 2022 में, बांगर ने बच्चों को कथित तौर पर खराब गुणवत्ता वाला भोजन परोसने के लिए एक कैंटीन प्रबंधक को थप्पड़ मारने के बाद हंगामा खड़ा कर दिया।

पिछले महीने उन्होंने कसम खाई थी कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के चुनावों में दोबारा नहीं चुने गए तो वह "सार्वजनिक रूप से फांसी लगा लेंगे"। बांगर ने दावा किया कि 2019 में, हिंगोली में भगवान गणेश मंदिर में मन्नत मांगने के बाद वह विधायक चुने गए थे और अब उन्होंने उसी मंदिर में फिर से एक और मन्नत ली है और इस साल एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी के लिए प्रार्थना की है। (इनपुट- IANS)

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