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इलेक्ट्रिक कार—बाइक खरीदने की योजना बना रहे हैं तो जरूर जानें ये 5 महत्वपूर्ण बातें

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले उस कंपनी की ओर से उपलब्ध कराई जा रही चार्जिंग सुविधाओं पर गौर करें। हाल के दिनों में तेजी से शहरों में चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं लेकिन अभी भी दूर—दराज के एरिया में चार्जिंग स्टेशन नहीं है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 08, 2022 13:04 IST
इलेक्ट्रिक वाहन लेने...- India TV Paisa
Photo:INDIA TV

इलेक्ट्रिक वाहन लेने से पहले जानें ये 5 बातें 

Highlights

  • शहर में चलने के लिए 100 किमी की ड्राइविंग रेंज पर्याप्त
  • अंतर-राज्यीय के लिए 400 किमी से अधिक की ड्राइविंग रेंज सही
  • फास्ट चार्जिंग से ईवी को पूरी तरह चार्ज होने में एक से दो घंटे लगते हैं

नई दिल्ली। पेट्रोल—डीजल की आसमान छूती कीमतों ने इलेक्ट्रिक वाहन के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ाया है। देश में बीते दो साल में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों की संख्या  काफी तेजी से बढ़ी है। हालांकि, अभी भी बहुत सारे लोगों को यह नहीं पता है कि वह सही इलेक्ट्रिक कार या बाइक चुनने किस पैमाना पर करें? अगर, आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की योजना तो बना रहे हैं लेकिन सही मॉडल के चुनाव में परेशानी आ रही है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम आपको सही इलेक्ट्रिक वाहन चुनने के टिप्स दे रहे हैं जिसे फॉलो कर आप आसानी से सही मॉडल का चुनाव कर सकते हैं। 

1. ड्राइविंग रेंज

इलेक्ट्रिक वाहनों की ड्राइविंग रेंज अलग—अलग होती है। आसान शब्दों में कहे तो कोई इलेक्ट्रिक वाहन एक बार चार्ज होने पर कितनी दूरी तय करती है उसका आकलन हम ड्राइविंग रेंज से करते हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले उसका ड्राइविंग रेंज जरूर पता करें। ऑटो विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप शहर में चलने के लिए बाइक या स्कूटर लेने की सोच रहे हैं तो 100 किमी की ड्राइविंग रेंज पर्याप्त होगी। वहीं, अंतर-राज्यीय यानी एक शहर से दूसरे शहर में जाना है तो 400 किमी से अधिक की ड्राइविंग रेंज वाली कार सही होगी। 

2. चार्जिंग स्टेशन और सुविधा

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले उस कंपनी की ओर से उपलब्ध कराई जा रही चार्जिंग सुविधाओं पर गौर करें। हाल के दिनों में तेजी से शहरों में चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं लेकिन अभी भी दूर—दराज के एरिया में चार्जिंग स्टेशन नहीं है। इसके साथ ही गाड़ी में चार्जिंग के विकल्प पर भी गौर करें। फास्ट चार्जिंग ईवी को पूरी तरह चार्ज होने में एक से दो घंटे तक लग सकते हैं, जबकि धीमी या वैकल्पिक चार्जिंग में पांच से छह घंटे से अधिक समय लग सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करना मुश्किल होता है क्योंकि चार्जिंग पॉइंट वाले बहुत अधिक स्टेशन नहीं होते हैं।

3. बैटरी की लागत

इलेक्ट्रिक वाहन का सबसे अहम कम्पोनेंट बैटरी होता है। इलेक्ट्रिक वाहन में बैटरी की लगात सबसे अधिक होती है। ऐसे में बैटरी को बदलने में बड़ी राशि खर्च होती है। इसलिए इलेक्ट्रिक कार चुनने से पहले बैटरी के बारे में पूरी जानकारी जरूर लें। कंपनी कितने साल के लिए बैटरी की वारंटी दे रही है।  कार की बैटरी कितने साल चलेगी। बदलते वक्त कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा आदि।

4. सरकारी सब्सिडी 

इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत अधिक है, क्योंकि उन्हें बनाने में उपयोग की जाने वाली जटिल तकनीक की लागत अधिक है। मौजूदा समय में एक छोटी इलेक्ट्रिक हैचबैक कार की कीमत 7 लाख रुपये से ज्यादा हो सकती है। हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार सब्सिडी मुहैया करा रही है। ऐसे में कार खरीदने से पहले यह पता जरूर करें कि आपको इस पर सरकारी सब्सिडी मिल रही है या नहीं। सब्सिडी का लाभ लेकर आप अपना वित्तीय बोझ कम कर सकते हैं। 

5. रखरखाव

पेट्रोल—डीजल इंजन वाहन की तुलना में इलेक्ट्रिक कार की रखरखाव लागत कम होती है। हालांकि, अभी स्पेयर पार्ट्स मिलना मुश्किल है। यह बाद में आप पर बोझ बढ़ा सकता है। इसलिए कार खरीदने से पहले कंपनी दृवारा उपलब्ध कराई जा रही रखरखाव की पूरी जानकारी जरूर ले लें। इसके साथ ही अधिकांश इलेक्ट्रिक कार निर्माता प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए नियमित अंतराल पर सॉफ्टवेयर अपडेट करते हैं। ज्यादातर समय ये अपडेट मुफ्त आते हैं, लेकिन कुछ कार निर्माता इनके लिए पैसे भी वसूल सकते हैं।

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