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AIIB की अगले 12 महीने में भारत को तीन अरब डॉलर कर्ज देने की योजना

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर, हरियाणा बाईपास लिंक रेलवे, मुंबई मेट्रो के प्रोजेक्ट के लिए कर्ज

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 30, 2020 17:48 IST
AIIB plans to approve loans worth USD 3 Billion to India- India TV Paisa
Photo:PTI

AIIB plans to approve loans worth USD 3 Billion to India

नई दिल्ली। बीजिंग स्थित बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसी एआईआईबी भारत में संपर्क मार्गों और आवागमन में सुधार के अपने प्रयास के तहत दिल्ली व मेरठ रैपिड रेल, मुंबई मेट्रो रेल और चेन्नई बाहरी रिंग रोड परियोजना सहित विभिन्न बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिये अगले 12 महीने में तीन अरब डॉलर का कर्ज  प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है। एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (Asian Infrastructure Investment Bank) के उपाध्यक्ष डी जे पंडियन ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी तक एआईआईबी के कुल वितरित कर्ज में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत सबसे बड़ा कर्जदार है।

एआईआईबी की स्थापना 2016 में की गयी थी। तब से अब तक एआईआईबी ने 24 देशों की 87 परियोजनाओं के लिये 19.6 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी दी है। इनमें भारत की 17 परियोजनाओं के लिये 4.3 अरब डॉलर के कर्ज शामिल हैं। पंडियन ने वित्तपोषण के भविष्य के अवसरों के बारे में बताया कि पाइपलाइन मजबूत है और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अभी 4.5 से 5 अरब डॉलर की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं और यदि सब चीजें ठीक रहीं तो हम एक साल में भारत के लिये तीन अरब डॉलर के कर्ज की मंजूरी देंगे।’’ उनके अनुसार, वित्तपोषण के लिये जिन परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है, वे दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर (50 करोड़ डॉलर), हरियाणा बाईपास लिंक रेलवे (40 करोड़ डॉलर), मुंबई मेट्रो लाइन वी (35 करोड़ डॉलर) और मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (50 करोड़ डॉलर) हैं।

पंडियन ने बताया कि अकेले महाराष्ट्र में, लगभग 1.2 अरब डॉलर की तीन परियोजनाएं विचाराधीन हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की तीन सड़क परियोजनाएं भी विचाराधीन हैं, जिनमें 1.1 अरब डॉलर की चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड शामिल है। ये परियोजनाएं अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण यात्रा पाबंदियों के चलते पर्यावरण व सामाजिक मंजूरियों में देरी हो रही है। एक बार पूरा होने पर ये परियोजनाएं न केवल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करेंगी।

कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिये सहायता के बारे में पूछे जाने पर पंडियन ने कहा कि एआईआईबी ने क्रमशः 50 करोड़ डॉलर और 75 करोड़ डॉलर के दो ऋणों को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि मई में मंजूर 50 करोड़ डॉलर का पहला ऋण एक लचीली स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण के लिये था। इसके अलावा गरीब और कमजोर परिवारों पर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव के खिलाफ सरकार को अपनी लड़ाई को मजबूत करने में मदद करने के लिये पिछले महीने 75 करोड़ डॉलर का ऋण मंजूर किया गया।

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