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क्रिसल ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 5.1% किया, 5 दिसंबर को RBI नीतिगत दर की करेगा घोषणा

वित्तीय साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अपने अनुमान को काफी कम कर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Published on: December 02, 2019 16:08 IST
RBI- India TV Paisa

RBI

मुंबई। वित्तीय साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अपने अनुमान को काफी कम कर 5.1 प्रतिशत कर दिया है। इससे पूर्व में उसने वृद्धि 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। अन्य शोध कंपनी डन एंड ब्राड स्ट्रीट ने कहा है कि निकट भविष्य में भारत की आर्थिक वद्धि दर नरम बनी रह सकती है। 

क्रिसिल ने यह बात ऐसे समय कही है जब आरबीआई पांच दिसंबर को नीतिगत दर की घोषणा करने वाला है। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए 3-5 दिसंबर को बैठक होगी। क्रिसिल का यह अनुमान जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा के 4.7 प्रतिशत अनुमान के बाद सबसे कम है। रेटिंग एजेंसी ने जीडीपी वृद्धि का आंकड़ा आने के कुछ दिन बाद ही यह अनुमान जताया है। पिछले सप्ताह शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही। इससे पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में वृद्धि दर 4.75 प्रतिशत रही जो कई साल का न्यूनतम स्तर है। 

एजेंसी ने शोध रिपोर्ट में कहा, 'औद्योगिक उत्पादन, वस्तु निर्यात, बैंक कर्ज उठाव, कर संग्रह, माल का आना-जाना और बिजली उत्पादन जैसे प्रमुख अल्पकाली संकेतक वृद्धि में नरमी का इशारा कर रहे हैं।' हालांकि दूसरी छमाही में वृद्धि दर में हल्की तेजी की उम्मीद है।

क्रिसिल के अनुसार 2019-20 की दूसरी छमाही में वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पहली छमाही में 4.75 प्रतिशत थी। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने अक्टूबर महीने में मौद्रिक नीति समीक्षा में जीडीपी के अनुमान को संशोधित कर 6.9 से कम कर 6.1 प्रतिशत कर दिया। ऐसी संभावना है कि केंद्रीय बैंक पांच दिसंबर को नीतिगत दर में कमी कर सकता है। आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा नकदी की स्थिति बढ़ाने के लिये इस साल अबतक पांच बार रेपो दर में कुल 1.35 प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है। 

इसी तरह बाजार शोध कंपनी डन एंड ब्राडस्ट्रीट ने भी एक रिपोर्ट में कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि दर निकट भविष्य में नीचे रह सकती है क्योंकि नरमी और गहरा गयी है। इसमें यह भी कहा है कि यह नरमी उम्मीद के विपरीत लंबे समय तक रह सकती है। रिपोर्ट के अनुसार चूंकि निवेश नरम बनी हुई है, ऐसे में औद्योगिक उत्पादन में तेजी धीमे-धीमे गति पकड़ेगी। इतना ही नहीं हाल में आयी बाढ़ तथा कृषि उत्पादन कम रहने से ग्रामीण क्षेत्र में मांग प्रभावित रह सकती है। डन एंड ब्राडस्ट्रीट के अनुसार वाहन से लेकर रीयल एस्टेट दबाव में है और यह कंपनियों के लाभ मार्जिन और सरकार के राजस्व संग्रह पर दिख रहा है।

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