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मोदी की ईरान यात्रा के दौरान चाबहार बंदरगाह पर समझौता करेगा भारत

नरेंद्र मोदी की 23-24 मई को ईरान यात्रा के दौरान भारत वहां चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के विकास के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगा।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: May 20, 2016 16:18 IST
मोदी की ईरान यात्रा के दौरान चाबहार बंदरगाह पर समझौता करेगा भारत, तमाम देशों ने व्‍यापार को दी अनुमति- India TV Paisa
मोदी की ईरान यात्रा के दौरान चाबहार बंदरगाह पर समझौता करेगा भारत, तमाम देशों ने व्‍यापार को दी अनुमति

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान भारत वहां चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के विकास के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगा। मोदी 23-24 मई को ईरान की यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पाकिस्तान-अफगानिस्तान-भारत) गोपाल बागले ने बताया कि इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड इस बंदरगाह के पहले चरण में दो टर्मिनल व पांच मल्टीकार्गो बर्थ के विकास के लिए अर्या बंदर कंपनी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगी।

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इस समझौते पर हस्ताक्षर मोदी की इस यात्रा की एक प्रमुख घटना है। मोदी इस यात्रा में ईरान के सर्वोच्च नेता अली खमेनेई तथा राष्ट्रपति हसन रोहानी से मिलेंगे। बागले ने कहा कि इस दौरान एक्जिम बैंक द्वारा चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए 15 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा देने के बारे में एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि परियोजना के पहले चरण में भारतीय निवेश 20 करोड़ डॉलर से अधिक होगा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की ईरान यात्रा मुख्य रूप से कनेक्टिविटी व बुनियादी ढांचे, ईरान के साथ ऊर्जा भागीदारी, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने, हमारे क्षेत्र की शांति व स्थिरता पर नियमित संवाद को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी। दक्षिण पूर्व ईरान में स्थित चाबहार से भारत के लिए अफगानिस्तान का एक रास्ता मिलेगा जिसमें पाकिस्तान से हो कर जाने की जरूरत नहीं होगी।

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी ने ईरान के साथ कारोबार का किया समर्थन 

विदेशी बैंक और कंपनियों को ईरान के साथ कानून सम्मत कारोबार करने से पीछे नहीं रहना चाहिए। यह बात पश्चिमी देशों ने कही। ब्रसेल्स में वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने कंपनियों को आश्वस्त किया है कि ईरान के साथ परमाणु समझौते के बाद कुछ तरह के कारोबार की मंजूरी है।

चार शक्तिशाली पश्चिमी देशों और यूरोपीय संघ ने कहा, हम ईरान के साथ स्वीकृत कारोबारी गतिविधियों में आड़े नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, हम ईरान के साथ कारोबार करने वाली उन अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के आड़े नहीं आएंगे जब तक कि वे सभी तय कानूनों का अनुपालन करते रहते हैं। तेहरान के परमाणु कार्यक्रम लेकर पिछले साल ईरान के साथ हुये समझौते को फरवरी में लागू किया गया और उसके बाद ईरान से अंतरर्राष्ट्रीय प्रतिबंध हटा लिये गये। हालांकि अमेरिका ने तेहरान के पश्चिम एशिया में हथियारों को बढ़ावा देने और उसके प्रक्षेपास्त्र मिसाइल कार्यक्रम को लेकर प्रतिबंध बनाए रखे हैं। ऐसी स्थिति में कई यूरोपीय बैंक जिनकी अमेरिका में अनुषंगी इकाइयां हैं वह ईरान के साथ व्यावसाय को लेकर कुछ सुस्ती दिखा रही थी। उन्हें लगता है कि अमेरिका में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। लेकिन अब पश्चिमी ताकतों के संयुक्त बयान से कारोबारी गतिविधियों को हरी झंडी मिल गई है।

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