नई दिल्ली। देशभर में ग्रीन और ऑरेंज जोन में आर्थिक गतिविधियों को फिर शुरू करने से सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) को राहत मिलेगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा की रपट के मुताबिक इससे उनकी हालत तेजी से बदल सकती है। इक्रा ने जोन के आधार पर 30 एमएफआई और लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के ऋण पोर्टफोलियो और ऋण लागत पर संभावित प्रभाव का आकलन कर यह रपट बनायी है। रपट के मुताबिक आकलन में शामिल सभी कंपनियों का लगभग 69 प्रतिशत ऋण वितरण ग्रीन और ऑरेंज जोन में पड़ने वाले इलाकों में है। कई कंपनियों का तो 50 प्रतिशत से भी अधिक वितरण ग्रीन और ऑरेंज जोन में है।
इक्रा ने कहा कि ऐसे में इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से एमएफआई कंपनियों को राहत मिलेगी और उनकी सेहत में रेड जोन के मुकाबले इन क्षेत्रों में तेजी से सुधार देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने लॉकडाउन (बंद) के तीसरे चरण में कोविड-19 के खतरे के हिसाब से देश को तीन जोन रेड, ऑरेंज और ग्रीन में बांटा है। इसमें लॉकडाउन नियमों से सबसे ज्यादा छूट ग्रीन जोन में दी गयी है, जबकि ऑरेंज जोन में यह छूट आंशिक है। लॉकडाउन के सबसे कड़े प्रतिबंध रेड जोन में लागू हैं। देश का 56 प्रतिशत भूभाग ग्रीन और ऑरेंज जोन में है। जबकि बचा हुआ 44 प्रतिशत हिस्सा रेड जोन में है।