देश में महंगाई से शायद ही कोई क्षेत्र अधूरा रह गया है। महंगाई की ताजा मार पड़ी है हवाई सफर पर। सरकार ने घरेलू उड़ानों के लिए हवाई किराए की न्यूनतम सीमा को 5 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने इसकी वजह एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानी एटीएफ की बढ़ती कीमतों को बताया है। बता दें कि इससे पहले फरवरी में सरकार ने हवाई किराए के प्राइस बैंड को बढ़ाने का फैसला किया था। उस समय न्यूनतम किराये में 10 फीसदी और अधिकतम किराये में 30 फीसदी का इजाफा किया गया था।
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मौजूदा कीमत वृद्धि में अधिकतम किराये की लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस वृद्धि से 40 मिनट से कम के सफर के लिए न्यूनतम किराया 2200 रुपये से बढ़कर 2320 रुपये हो गया है, वहीं अधिकतम किराया 7800 रुपये ही रहेगा। हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि फरवरी में जो हवाई किराए के लिए लोअर और अपर लिमिट तय की गई थीं वह अप्रैल अंत तक लागू रहेगी। सरकार ने मई 2020 में घरेलू हवाई सफर (Domestic Air Travel) के किराए के लिए न्यूनतम एवं अधिकतम सीमा को तय किया था।
ये हैं लोअर और अपर लिमिट की कैटेगरी
डीजीसीए द्वारा हवाई किराए की लोअर और अपर लिमिट तय की गई है। इन्हें 7 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी का यह बंटवारा फ्लाइट के समय के आधार पर तय की गई थीं।
कैटेगरी | समय | किराया (न्यूनतम-अधिकतम) |
1 | 40 मिनट से कम | 2,320-7,800 |
2 | 40-60 मिनट | 2,940 - 9,800 |
3 | 60-90 मिनट | 3,465-11,700 |
4 | 90-120 मिनट | 4,094-13,000 |
5 | 120-150 मिनट | 5,250-16,900 |
6 | 150-180 मिनट | 6,405-20,400 |
7 | 180-210 मिनट | 7,560-24,200 |
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मंत्री ने 100 फीसदी क्षमता के साथ एयरलाइन के संचालन को लेकर कहा कि अगर रोजाना आधार पर पैसेंजर की संख्या 35 लाख क्रॉस कर जाती है तो एयरलाइन को 100 फीसदी क्षमता के साथ ऑपरेशन की इजाजत मिल जाएगी। हालांकि एक महीने में कम से कम 3 बार ऐसा होना जरूरी है। अभी एयरलाइन्स को 80 फीसदी से ज्यादा क्षमता के साथ परिचालन करने की अनुमति नहीं है।