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एफपीआई ने अक्टूबर में अबतक पूंजी बाजारों से 1,472 करोड़ रुपये निकाले, विदेशी संकेतों का असर

एफपीआई ने अवधि के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 226 करोड़ रुपये का निवेश किया, वहीं वे बांड बाजार से 1,698 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 17, 2021 11:12 IST
एफपीआई ने अक्टूबर में...- India TV Paisa
Photo:PIXABAY

एफपीआई ने अक्टूबर में अबतक पूंजी बाजारों से 1,472 करोड़ रुपये निकाले

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अक्टूबर में अबतक भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। इससे पिछले दो माह के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजारों में निवेश किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में गिरावट तथा विदेशी बाजारों के नकारात्मक संकेतों की वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, चालू महीने में विदेशी निवेशकों ने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 1,472 करोड़ रुपये की निकासी की है। ऋण या बांड बाजार को लेकर एफपीआई का रुख पूरी तरह पलट गया है। इससे पहले सितंबर में एफपीआई ने बांड बाजार में 13,363 करोड़ रुपये और अगस्त में 14,376 करोड़ रुपये का निवेश किया था। अक्टूबर में वे बांड बाजार से 1,698 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई के रुख में यह बदलाव अक्टूबर में रुपये में आई गिरावट की वजह से है।’’ हालांकि, एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 226 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विजयकुमार ने कहा, ‘सितंबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई बैंकिंग शेयरों में शुद्ध बिकवाल रहे थे। लेकिन दूसरे पखवाड़े में उन्होंने लिवाली की। सितंबर में पूरे महीने उन्होंने सॉफ्टवेयर सेवा कंपनियों में बिकवाली की। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों विप्रो, इन्फोसिस और माइंडट्री के अच्छे प्रदर्शन की वजह से आगे चलकर एफपीआई का इस क्षेत्र में प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है।’’ मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बाजार इस समय अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर है। इससे मूल्यांकन भी बढ़ गया है। ऐसे में संभवत: एफपीआई अभी ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना रहे हैं। 

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