
Prime Minister Narendra Modi offering prayers at Sis Ganj Sahib Gurudwara on 400 Prakash Purab of Guru Teg Bahadur in New Delhi
नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार गत 23 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 1.701 अरब डॉलर बढ़कर 584.107 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के अनुसार इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.193 अरब डॉलर बढ़कर 582.406 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया था।
इसमें कहा गया है कि 23 अप्रैल 2021 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में होने वाली वृद्धि मुख्य तौर पर विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से हुई है। यह विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख हिस्सा है। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां सप्ताह के दौरान 1.062 अरब डॉलर बढ़कर 541.647 अरब डॉलर पर पहुंच गईं। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं। इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में होने वाली घटबढ़ भी शामिल है। यह सकल विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा है।
सोने का आरक्षित भंडार इस दौरान 61.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 35.969 अरब डॉलर पर पहुंच गया। आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इसी प्रकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) 70 लाख डॉलर बढ़कर 1.505 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, आईएमएफ के पास देश के आरक्षित भंडार की स्थिति 1.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.987 अरब डॉलर पर पहुंच गई।
अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बीमा योजना छह माह बढ़ाई गई
सरकार ने कोविड-19 महामारी से निपटने में लगाए गए अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष रूप से शुरू की गई बीमा योजना को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये विभिन्न अधिकार संपन्न समूहों के कामकाज की समीक्षा के लिए बैठक की। एक बयान के मुताबिक मोदी ने अधिकारियों से यह पता लगाने के लिए कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर दबाव कम करने के लिए सिविल सोसाइटी के स्वयंसेवकों का उपयोग किस तरह किया जा सकता है। गौरतलब है कि सरकार कोविड-19 के रोकथाम के लिए अपने उपायों को तेज करना चाहती है।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसके दौरान विभिन्न अधिकार प्राप्त समूहों के कामकाज की समीक्षा की गई। ये अधिकार प्राप्त समूह कोविड राहत के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दे रहे हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि एनजीओ मरीजों, उनके आश्रितों और स्वास्थ्य सेवा कर्चमारिचों के बीच कड़ी बन सकते हैं, जबकि घर में अलग रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों की मदद के लिए पूर्व कर्मचारी कॉल सेंटर के जरिए मदद कर सकते हैं।
बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों के साथ तालमेल बनाकर काम करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गरीबों को बिना किसी परेशानी के मुफ्त खाद्यान्न योजना का लाभ मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबित बीमा दावों के निपटान में तेजी लाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि मृतक के आश्रित को समय से राहत मिल सके। आर्थिक और कल्याण उपायों पर अधिकार प्राप्त समूह ने मोदी के समक्ष प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्ना योजना को बढ़ाने जैसे उपायों पर एक प्रस्तुति दी, जिसके तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को मई और जून में मुफ्त राशन दिया जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया कि ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ पहल से लोगों को काफी फायदा मिला है।
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