विदेशी मुद्रा यानि डॉलर का सबसे ज्यादा खर्च कच्चे तेल तथा सोने के आयात पर खर्च होता है लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी निचले स्तर पर रही हैं और विदेशों से कच्चा तेल आयात करने के लिए पहले के मुकाबले कम डॉलर का खर्च आ रहा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 18.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 560.715 अरब डालर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इसके आंकड़े जारी किए।
इससे पहले 7 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 3.623 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी और यह 538.191 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार 5 जून को पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार पहुंचा था
पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 के दौरान रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में 45 अरब डॉलर का हस्तक्षेप कर सकता है, जिसमें से रिजर्व बैंक 25.5 अरब डॉलर का अब तक पहले ही कर चुका है।
विदेशी मुद्रा भंडार 17 महीने की आयात जरूरतों को पूरा करने में सक्षम
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 493 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा
समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश का स्वर्ण भंडार 12.7 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 32.779 अरब डॉलर रह गया।
समीक्षावधि में देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिला विशेष आहरण अधिकार 20 लाख डॉलर बढ़कर 1.42 अरब डॉलर हो गया।
2020-21 के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 62 अरब डॉलर अरब डॉलर बढ़ा
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार भी 32 करोड़ डॉलर बढ़कर 31 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
कोरोनावायरस की वजह से यूएस डॉलर इंडेक्स में थोड़ी वृद्धि और प्रमुख देशों के बांड मूल्य में इजाफा होने की वजह से चीन के मुद्रा भंडार में यह गिरावट आई है।
हफ्ते के दौरान मुद्रा भंडार में 5.42 अरब डॉलर की बढ़त
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार भी 34.4 करोड़ डॉल्र की वृद्धि के साथ 29.123 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।
इस दौरान स्वर्ण भंडार 21.8 करोड़ डॉलर घटकर 28.779 अरब डॉलर रहा।
देश में 31 जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.607 अरब डॉलर बढ़कर 471.3 अरब डॉलर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति बढ़ने से मुद्रा भंडार बढ़ा है।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार भी 15.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 28.715 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
कोविंद ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 450 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
डॉलर में व्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति पर मुद्रा भंडार में रखे गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे यूरो, पौंड और येन में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी असर पड़ता है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ भारत का विशेष आहरण अधिकार 50 लाख डॉलर घटकर 1.442 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
डॉलर में व्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति पर मुद्रा भंडार में रखी गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे यूरो, पौंड और येन में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी असर पड़ता है।
आरबीआई ने बताया कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 11 करोड़ डॉलर बढ़कर 26.968 अरब डॉलर हो गया।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार 43 करोड़ डॉलर बढ़कर 27.078 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कुछ महीनों से लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है और यह पहली बार 450 अरब डॉलर के पार पहुंचा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार नवें सप्ताह बढ़ता हुआ 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 34.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर बढ़करक 448.60 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि जारी है। गत आठ नवंबर को समाप्त सप्ताह में यह 1.71 अरब डॉलर बढ़कर 447.81 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया।
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान आरक्षित स्वर्ण भंडार 30.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 27.35 अरब डॉलर का हो गया।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार भी 23.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 27.17 अरब डॉलर हो गया।
सेफ के प्रवक्ता वांग छुनइंग ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार विनिमय दर और संपत्ति की कीमतों में बदलाव आदि कई कारकों से प्रभावित होता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में कमी आने से 44.6 करोड़ डॉलर घटकर 428.60 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
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