नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी इंफोसिस ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा कर बताया कि कंपनी का वित्त वर्ष 2019-20 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में शुद्ध मुनाफा 23.7 प्रतिशत बढ़कर 4,466 करोड़ रुपए रहा। इंफोसिस ने नियामकीय जानकारी में बताया कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 3,610 करोड़ रुपए था।
समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का राजस्व 7.9 प्रतिशत बढ़कर 23,092 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 21,400 करोड़ रुपए था। कंपनी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अपने राजस्व अनुमान को अक्टूबर के अनुमान 9-10 प्रतिशत से बढ़ाकर 10-10.5 प्रतिशत कर दिया है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा कि तीसरी तिमाही के परिणाम बताते हैं कि हम अपने ग्राहकों के साथ अपनी यात्रा को मजबूती से जारी रखे हुए हैं और उनके साथ गहरे से जुड़ रहे हैं। वे डिजिटल बदलाव के अगले युग में प्रवेश के लिए हमारे साथ जुड़े हैं। पारेख ने कहा कि इससे साल भर पहले की तुलना में वृद्धि दर 10 प्रतिशत से अधिक हो गई है, जिससे परिचालन लाभ बढ़ने के साथ ही राजस्व भी बढ़ा है।
इंफोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण राव ने कहा कि इस साल बड़े सौदों में 56 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के छोड़ जाने की दर में और गिरावट आई है, इससे कर्मचारियों के साथ हमारे जुड़ाव को मजबूत करने के प्रयासों का पता चलता है। डॉलर में दिसंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 24.8 प्रतिशत बढ़कर 62.7 करोड़ डॉलर और राजस्व 8.6 प्रतिशत बढ़कर 3.24 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
इस दौरान कर्मचारियों की संख्या में 6,968 लोगों की वृद्धि हुई और कुल कर्मचारियों की संख्या 2,43,454 पर पहुंच गई। कर्मचारियों के नौकरी छोड़ जाने की दर कम होकर 19.6 प्रतिशत पर आ गई। कंपनी ने एक अलग बयान में बताया कि निदेशक मंडल की ऑडिट समिति ने व्हिसलब्लोअर के आरोपों की स्वतंत्र जांच पूरी कर ली है। जांच में वित्तीय अनियमितता या कार्यकारियों द्वारा दुर्व्यवहार करने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।