Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. NBCC करेगी आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्‍ट पूरे, घोटाले का खुलासा करने वाले लेखा परीक्षक करेंगे फॉरेंसिक ऑडिट

NBCC करेगी आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्‍ट पूरे, हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा करने वाले लेखा परीक्षक करेंगे फॉरेंसिक ऑडिट

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक कंपनी एनबीसीसी को आम्रपाली समूह की अधूरी पड़ी परियोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : September 13, 2018 11:02 IST
amrapali group- India TV Paisa
Photo:AMRAPALI GROUP

amrapali group

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक कंपनी एनबीसीसी को आम्रपाली समूह की अधूरी पड़ी परियोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी सौंपी है। कोर्ट ने इसके साथ ही ऋण वसूली न्यायाधिकरण को निर्देश दिया है कि वह आम्रपाली की कर्जमुक्त संपत्तियों को नीलाम कर 1300 करोड़ रुपए जुटाए।  सुप्रीम कोर्ट ने एक एस्क्रो खाता भी खोलने को कहा है, जिसमें आम्रपाली समूह की संपत्तियों की बिक्री से मिला धन जमा किया जाएगा और इसमें से ही एनबीसीसी को निर्माण शुरू करने के लिए भुगतान किया जाएगा। 

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और यू यू ललित की पीठ ने इस मामले में आम्रपाली समूह की जोतिंद्र स्टील समेत सभी 46 कंपनियों की 2008 के बाद की बैलेंस शीट, बैंक खाते एवं कागजात फोरेंसिक लेखा-परीक्षकों को देने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि एनबीसीसी को परियोजनाएं पूरी करने तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए नियुक्त किया जाता है। कंपनी इन परियोजनाओं को कर्ज देने के इच्छुक बैंकों के समूह की भी तलाश कर सकती है।  

सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को सवाधान करते हुए कहा कि एक बार हमने परियोजनाओं की जिम्मेदारी आपको दे दी, आप उन्हें पूरा करने से पीछे नहीं हट सकते। हम आपको इनके साथ बांध देंगे। शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह को भी अटकी परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए बैंकों, हुडको और अन्य वित्तीय संस्थाओं से बात करने की आजादी दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि बिना बिकी पड़ी संपत्तियों को बेच कर भी 1590 करोड़ रुपए जुटाए जा सकते हैं। उसने कहा कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण के अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह राठोड़ को वाणिज्यक संपत्तियों की सूची में शामिल संपत्तियों की बिक्री का काम दिया गया है।  

हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा करने वाले लेखा परीक्षक करेंगे आम्रपाली का फॉरेंसिक ऑडिट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली समूह की कंपनियों और उनके निदेशकों की संपत्तियों की फॉरेंसिक ऑडिट के लिए उसने जिन दो लेखा परीक्षकों को नियुक्त किया है वह काफी अनुभवी एवं प्रतिष्ठित हैं। इनमें से एक ने तो हर्षद मेहता घोटाले का पर्दाफाश किया था। 

शेयर ब्रोकर हर्षद मेहता को 1992 में करीब 4,500 करोड़ रुपए के शेयर घोटाले के संबंध में कई वित्तीय अपराधों में आरोपी बनाया गया था। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने आम्रपाली समूह की कंपनियों की फॉरेंसिक ऑडिट के लिए भाटिया एंड कंपनी के रवि भाटिया एवं शार्प एंड कंपनी के पवन कुमार अग्रवाल को नियुक्त किया है। 

पीठ ने जोतिन्द्र स्टील सहित आम्रपाली समूह की सभी 46 कंपनियों के 2008 से लेकर अब तक के बैंक खातों, बही खातों, वार्षिक लेखा-जोखा सहित सभी दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच के लिए उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement