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मूडीज के बाद S&P ने भी दिया झटका, 2021-22 के लिए भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाकर किया 9.5 प्रतिशत

एसएंडपी ने कहा कि हमने मार्च में घोषित चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: June 24, 2021 12:20 IST
 S&P cuts India's FY22 growth forecast to 9.5 pc- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

 S&P cuts India's FY22 growth forecast to 9.5 pc

नई दिल्‍ली। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को 11 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया, और चेतावनी दी कि कोविड महामारी से जुड़े जोखिम आगे भी बने हुए हैं। एजेंसी ने वृद्धि के अनुमान को यह कहते हुए घटाया कि अप्रैल-मई में कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते राज्यों द्वारा लॉकडाउन लगाए जाने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी से कमी हुई। इससे पहले मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को वर्ष 2021 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9.6 प्रतिशत कर दिया है, जो पिछले अनुमान में 13.9 प्रतिशत था।

एसएंडपी ने कहा कि हमने मार्च में घोषित चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने कहा कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बैलेंस शीट हुए नुकसान से अगले कुछ वर्षों के दौरान वृद्धि बाधित होगी और 31 मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रह सकती है। एसएंडपी ने कहा कि महामारी को लेकर आगे भी जोखिम बने हुए हैं क्योंकि अभी तक लगभग 15 प्रतिशत आबादी को कम से कम वैक्सीन की एक खुराक मिली है, हालांकि अब वैक्सीन की आपूर्ति में तेजी आने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की कमी आई थी और इससे पहले 2019-20 में देश ने चार प्रतिशत की वृद्धि हासिल की थी। 

मूडीज ने कम टीकाकरण को जोखिम बताया

मूडीज ने कहा कि जून तिमाही के दौरान आर्थिक नुकसान को कम रखने में कोविड टीकाकरण का बड़ा महत्व होगा। अमेरिका की मूडीज रेटिंग एजेंसी ने वृहद अर्थशास्त्र भारत: कोविड की दूसरी लहर के आर्थिक झटके पिछले साल की तरह गंभीर नहीं होंगे’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा कि उच्च आवृत्ति वाले आर्थिक संकेतक बताते हैं कि कोविड की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई में भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया। हालांकि, राज्यों द्वारा प्रतिबंधों में ढील देने के साथ इसमें सुधार की उम्मीद है।

इसमें कहा गया है कि वायरस के फिर से उभरने के कारण भारत की 2021 की वृद्धि अनुमान को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है। हालांकि, यह उम्मीद की जाती है कि आर्थिक नुकसान केवल अप्रैल-जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा। हमारा मौजूदा अनुमान है कि भारतीय की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 2021 में 9.6 प्रतिशत रहेगी और 2022 में यह सात प्रतिशत रहेगी। रिपोर्ट में कोविड टीकाकरण की निम्न दर को लेकर चिंता जताई गई है। इसमें कहा गया है कि चालू तिमाही के दौरान तेजी से टीकाकरण करके आर्थिक नुकसान को सीमित किया जा सकता है।

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