Saturday, April 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. अमेरिका का आधिकारिक तौर पर चीन को मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश बताने से इनकार, निगरानी सूची में डाला

अमेरिका का आधिकारिक तौर पर चीन को मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश बताने से इनकार, निगरानी सूची में डाला

अमेरिका ने चीन को आधिकारिक तौर पर मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश तो नहीं ठहराया लेकिन निगरानी सूची में उसका नाम शामिल किया है।

Manish Mishra Manish Mishra
Published on: April 15, 2017 16:29 IST
अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर चीन को मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश बताने से किया इनकार, निगरानी सूची में डाला- India TV Paisa
अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर चीन को मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश बताने से किया इनकार, निगरानी सूची में डाला

वाशिंगटन अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर चीन को मुद्रा दर में हेरफेर करने वाले देश के रूप में चिन्हित करने से इनकार किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए यह एक और बड़ा यू-टर्न है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार इस मुद्दे को उठाया था और कहा था कि सत्ता में आने पर वह इस मुद्दे पर कारवाई करेंगे। हालांकि, अमेरिका ने चीन को आधिकारिक तौर पर मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश तो नहीं ठहराया लेकिन निगरानी सूची में उसका नाम शामिल किया है।

वित्त मंत्रालय का यह हालिया फैसला उन लगभग छह मामलों में से एक है, जिनमें ट्रंप या उनका प्रशासन चुनावी वादों से पीछे हटता दिखा है।

चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने नाटो को अप्रासंगिक करार दिया था लेकिन इस सप्ताह उन्होंने कहा कि अब नाटो अप्रासंगिक नहीं है। रूस और सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल असद के मुद्दे पर भी ट्रंप का रूख पूरी तरह पलट चुका है।

यह भी पढ़ें : नोटबंदी के बाद 23 गुना बढ़ा डिजिटल ट्रांजैक्‍शन, मार्च तक 2,425 करोड़ रुपए का हुआ लेनदेन

अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कांग्रेस को सौंपी अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि उसने चीन, जर्मनी, जापान, कोरिया, स्विट्जरलैंड और ताइवान को मुद्रा विनिमय दर के मामले में निगरानी सूची वाले देशों में डाला है। चीन को मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश घोषित नहीं करने के इस आधिकारिक कदम की उम्मीद पहले से ही की जा रही थी क्योंकि इस सप्ताह की शुरूआत में ट्रंप ने ऐसा कहा था। मंत्रालय ने कहा कि चीन और जर्मनी दोनों को ही अमेरिका के साथ व्यापार में उनकी भारी अधिशेष मात्रा को कम करने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए।

अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट के निष्कर्षों और सिफारिशों का उद्देश्य मुद्रा संबंधी संभावित अनुचित क्रियाकलापों से निपटना और मुक्त एवं निष्पक्ष व्यापार के विकास को बढ़ावा देना है। बयान में कहा गया है कि अमेरिका किसी ऐसी अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली का बोझ नहीं उठाएगा, जो कृत्रिम तरीके से बदली गई विनिमय दरों के जरिए हमारे निर्यातों को नुकसान पहुंचाती है और हमारे व्यापारिक साझेदारों के आयात को अनुचित लाभ पहुंचाती हैं।

वित्त मंत्री स्टीवन म्युचिन ने कहा कि,

सभी अमेरिकियों के लिए मुक्त एवं निष्पक्ष तरीके से व्यापार को विस्तार देने के लिए जरूरी है कि अन्य अर्थव्यवस्थाएं मुद्रा संबंधी अनुचित क्रियाकलापों से बचें और हम सावधानीपूर्वक इसकी निगरानी जारी रखेंगे।

यह भी पढ़ें : होटल और रेस्‍टॉरेंट में खाना होगा सस्‍ता, सरकार सर्विस चार्ज को लेकर जल्‍द जारी करेगी एडवाइजरी

विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने चुनावी वादे से पीछे हटने के लिए ट्रंप प्रशासन की आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि चीन हो सकता है अपनी मुद्रा में इस समय कोई हेरफेर नहीं कर रहा हो क्योंकि यह उसकी आर्थिक जरूरतों के अनुरूप नहीं होगा, लेकिन जैसे ही परिस्थितियां अनुकूल होंगी वह इसमें देरी नहीं करेगा। सीनेट में अल्पसंख्यक नेता चार्ल्‍स ई शूमेर ने कहा कि ट्रंप ने चीन के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाकर उन्हें अमेरिकी रोजगार अवसरों को चुराने के लिए हरी झंडी दे दी।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement