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आनंद महिंद्रा ने खुद खोला अपना ये भेद, बताया- किस स्पेस स्टार्टअप में कर रखा है निवेश

अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने हाल ही में पूरी तरह से 3डी-प्रिंटेड इंजन वाला दुनिया का पहला रॉकेट लॉन्च किया। इसी के साथ रॉकेट अग्निबाण एसओआरटीईडी भारत का पहला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन-संचालित रॉकेट लॉन्च बन गया।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jun 03, 2024 14:54 IST, Updated : Jun 03, 2024 15:01 IST
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा।- India TV Paisa
Photo:PTI महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा।

महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सोमवार को खुद इस बात पर से पर्दा उठाते हुए बताया कि वह अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस में निवेशक हैं, जिसने पिछले सप्ताह पूरी तरह से 3डी-प्रिंटेड इंजन वाला दुनिया का पहला रॉकेट लॉन्च किया। बीते गुरुवार को, रॉकेट अग्निबाण एसओआरटीईडी (सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डेमोस्ट्रेटर) भारत का पहला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन-संचालित रॉकेट लॉन्च बन गया, जिसे पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया था। इसे गुरुवार को सुबह 7:15 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में अग्निकुल द्वारा स्थापित भारत के पहले निजी तौर पर विकसित लॉन्चपैड 'धनुष' से लॉन्च किया गया।

आनंद महिंद्रा ने लिखा सोशल मीडिया पर पोस्ट

खबर के मुताबिक, लॉन्च पैड श्रीहरिकोटा में इसरो के रॉकेट पोर्ट के अंदर स्थित है। आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया- आप एक रॉकेट को उड़ते हुए देखेंगे। आप युवा भारतीयों की प्रतिभा को भी उड़ते हुए देखेंगे. उन्होंने कहा कि वे मेरे #MondayMotivation हैं (खुलासा: मैं @AgnikulCosmos में निवेशक हूं)। अग्निबाण एक दो-चरणीय रॉकेट है जिसकी क्षमता 300 किलोग्राम तक का भार 700 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाने की है। रॉकेट इंजन लिक्विड ऑक्सीजन/केरोसिन द्वारा संचालित होते हैं।

2025 तक एक मिशन लॉन्च करने की उम्मीद

आईआईटी मद्रास में इनक्यूबेट किए गए स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि अग्निबाण एसओआरटीईडी वाहन डेटा अधिग्रहण प्रणालियों और उड़ान कंप्यूटरों पर काम करता है जिन्हें 100 प्रतिशत इन-हाउस डिज़ाइन किया गया था। कंपनी ने कहा कि यह उड़ान पूर्ण 3-अक्ष नियंत्रण के साथ नियंत्रित चढ़ाई थी जिसमें पूरी तरह से विकसित और इन-हाउस डिज़ाइन किया गया ऑटोपायलट था, जिसमें उम्मीद के मुताबिक 65 सेकंड का समय लगा।  कंपनी ने कहा कि यह रॉकेट विमानन-ग्रेड जेट ईंधन और औद्योगिक-ग्रेड तरल ऑक्सीजन के साथ उड़ान भरने वाला पहला रॉकेट भी था। अग्निकुल कॉसमॉस द्वारा 2025 तक एक कक्षीय मिशन लॉन्च करने की उम्मीद है।

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